शहर में ऑक्सीजन के स्त्रोत अशोक वाटिका का राजस्व मंत्री ने किया लोकार्पण
मंगलवार की शाम शहवासियों और समाज प्रमुखों की मौजूदगी में हुआ कार्यक्रम
कोरबा। कोरबा शहर के हृदय स्थल में स्थित अशोक वाटिका का मंगलवार को विधिवत लोकार्पण राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के हाथों पूर्ण हुआ। कोरबा जैसे प्रदूषित शहर के लिए अशोक वाटिका ऑक्सीजन के एक बड़े स्रोत के तौर पर काम करेगा। जहां लोग पवरिवार के साथ फुर्सत के समय में आकर अच्छा समय व्यतीत कर सकेंगे। बच्चों के लिए मनोरंजन के साथ ही अशोक वाटिका को बेहद खूबसूरती से बनाया गया है। शहरवासियों को एक उपयुक्त वातावरण प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने 12 करोड रुपए की लागत से अशोक वाटिका का उन्नयन और विकास कार्य कराया है।
लोकार्पण के अवसर पर राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने अशोक वाटिका में मौजूद शहरवासियों और समस्त समाज प्रमुखों को संबोधित किया। मंत्री ने कहा कि अशोक वाटिका का यह खूबसूरत नज़ारा आप सभी के लिए है। कोरबावासी यहां आएं, घूमें और अच्छा समय व्यतीत कर लुत्फ उठाएं।
21 जनवरी 2021 को जब मुख्यमंत्री कोरबा प्रवास पर आए थे। तब हमने उनसे यह मांग रखी थी, कि अशोक वाटिका कोरबा जिले और शहर के हृदय स्थल में है। इसे विकसित किए जाने की जरूरत है। इसे शहर का ऑक्सिजोन बनाया जाए। उन्होंने तत्काल इसकी स्वीकृति दी और आज यह इतना खूबसूरत बन चुका है। लोग अब यहां किसी भी समय आकर अच्छे वातावरण का लुत्फ उठा सकते हैं। पूरे शहर को यहां से ऑक्सीजन मिलेगा। यहां बैठे ज्यादातर लोगों ने अशोक वाटिका को देखा भी नहीं होगा। लेकिन मैं इसे तब से देख रहा हूं। जब 1996 में मैं साडा अध्यक्ष हुआ करता था।
उस समय इंदिरा गांधी स्टेडियम का भी निर्माण करवाया। तब भी इसका लोकार्पण मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के हाथों हुआ था। वहां कई राष्ट्रीय स्तर के भी आयोजन हुए।
इस तरह से लगातार विकास कार्य जारी है। 2008 में विधायक बना, 10 साल विधायक रहने के बाद पिछले चुनाव में 5 साल पहले जब प्रचंड बहुमत से कांग्रेस की सरकार बनी। तब मंत्री बनने का मौका मिला। कोरबा के लोगों ने जिस सपने को देखा था। जो मुझसे उम्मीद की थी। मैं लगातार उसे पूरा करने का प्रयास कर रहा हूं। कोरबा के लोगों ने मुझे इस उम्मीद के साथ विधानसभा में भेजा था कि इस लड़के को यदि विधायक बना दिया जाए, तो यह कुछ जरूर करेगा। मैं उन्हीं की उम्मीदों को पूरा करने में लगा हुआ हूं। जब विधायक था तब हम विपक्ष में थे। समाजों को ऊपर उठाने का काम मैंने विधायक बनने के बाद ही शुरू कर दिया था। लेकिन जब मैं मंत्री बना तो एक बात अपने मन में ठान ली कि जिस उपेक्षा का दंश कोरबा ने अब तक झेला है। अब ऐसा नहीं होगा। मंत्री बनने के बाद मैने कोरबा के विकास के लिए लगातार काम किया। फिर चाहे वह अशोक वाटिका का उन्नयन का काम हो, कोरबा जिले में सड़कों का जाल बिछाना हो। फोरलेन रोड या फिर पावर प्लांट की स्थापना। मुख्यमंत्री से मैने जब, जो भी मांगा। उन्होंने कभी मना नहीं किया। लोग यह कहते भी थे कि मैं जब भी उनसे कुछ मांगने जानता हूं। वह एक बार में ही मुझे दे देते हैं। लेकिन यह कोरबा की जनता का अधिकार है। बिलासपुर का रेलवे जोन सर्वाधिक राजस्व देता है, कोरबा की बदौलत। कोयला खदानों से केंद्र सरकार को सबसे ज्यादा आय होती ह। वह भी कोरबा के बदौलत। कोरबा का राजस्व न सिर्फ राज्य में बल्कि देश भर में जाता है। तो यहां के लोगों को विकास से जुड़ने का सबसे ज्यादा हक भी है। मुख्यमंत्री जी पिछली बार आए थे। तब 13000 करोड रुपए के लागत से पावर प्लांट बनाने की घोषणा की। कोयला हमारे पास, पानी हमारे पास और जमीन भी उपलब्ध है। तो पावर प्लांट भी कोरबा में ही लगेगा।
छत्तीसगढ़ राज्य की सबसे बड़ी परियोजना अगर कहीं लगने जा रही है। तो वह कोरबा में है। ना सिर्फ पावर प्लांट बल्कि बालको के एल्युमिनियम उत्पादक के लिए स्मेल्टर का भी काम हमने कराया है। इसके लिए मैने मुख्यमंत्री से चर्चा की थी। मुख्यमंत्री ने सहमति दी और तत्काल इसकी जनसुनवाई आयोजित कराई। बालको के भी इस स्मेल्टर के विकास का कार्य जारी है। कोरबा लघु भारत है, जहां देश भर के लोगों का निवास है।
लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान मंत्री के अलावा महापौर राजकिशोर प्रसाद, सभापति श्यामसुंदर सोनी, नगर पालिका निगम की आयुक्त प्रतिष्ठा ममगाई के अलावा कांग्रेस के पदाधिकारी, समाज प्रमुख और बड़ी तादाद में शहरवासी मौजूद रहे।
इसलिए खास है हमारे अशोक वाटिका
कोरबा शहर के मध्य क्षेत्र टीपी नगर में स्थित अशोका वाटिका नए स्वरूप में विकसित हो चुकी है। इसका विकास स्वास्थ्य, मनोरंजन, खेल और पर्यटन की दृष्टि से किया गया है। इसकी परिकल्पना राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने ही की थी। ट्रांसपोर्ट नगर में लगभग 50 एकड़ के क्षेत्रफल में 12 करोड़ रुपए की लागत से नव निर्मित अशोक वाटिका का आर्कषक प्रवेश द्वार को पार करते ही दोनों ओर तीन- तीन सौ फीट लंबे फव्वारे लोगों का स्वागत करेंगे। इतनी लंबाई वाले फव्वारे पूरे छत्तीसगढ़ में कहीं देखने को नहीं मिलेंगे। इसके बाद फ्लेमिंग स्टेप फाउंटेन 50 फीट की ऊंचाई तक पानी की बौछार उछालने वाले दिल के आकार का हाईजेट फव्वारा और बब्बलर फाउंटेन लोगों का ध्यान अपनी ओर खीचेंगे।
उद्यान में करीब छह हजार स्क्वायर फीट एरिया में शेडयुक्त योगा सेंटर बनाया गया है। खास बात यह है कि इसके चारों ओर अरेका पॉम के पौधे लगाए गए हैं जो पूरे समय ऑक्सीजन देने का काम करेंगे। उद्यान में योगा हट जोन भी बनाए गए हैं।
बच्चों और युवा सबका रखा गया ध्यान-
करीब पांच हजार स्क्वायर फीट क्षेत्रफल में इनडोर क्रिकेट टर्फ स्टेडियम तैयार किया गया है। इसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर की टर्फ ग्रास लगाई गई है। यहां क्रिकेट खिलाड़ी प्रेक्टिस कर सकते हैं। जिले में इस तरह की पहली व्यवस्था है। इसी तरह चिल्ड्रन प्ले जोन तैयार किया गया है। यहां बच्चों के लिए खेल और मनोरंजन की सुविधाएं हैं। वॉलीबॉल कोर्ट का भी निर्माण किया गया है। रेल ट्रेक, फूड जोन, साइकिलिंग ट्रेक, लैंड स्केपिंग, वेंडर जो, रॉक गार्डन, कैफेटेरिया, महिला व पुरुष के लिए पृथक- पृथक टायलेट, पार्किंग सुविधा, टिकट काउंटर आदि भी यहां मौजूद है।
पूरे शहर को यहां से मिलेगा ऑक्सीजन
आशोक वाटिका में एक लाख से ज्यादा 300 प्रजातियों के पेड़- पौधे विकसित किए गए हैं। जो ऑक्सीजोन का काम करते हैं। उद्यान के एक कार्नर में अमीबा रोज गार्डन तैयार किया गया है। इसके अलावा विभिन्न प्रजातियों के फूलों के पौधे लगाए हैं। 25- 30 की संख्या में रंगबिरंगे फूलों के पौधों की एक सीरिज भी है। एक बटरफ्लाई गार्डन भी है। इसके अलावा औषधीय पौधों का भी रोपण किया गया है। पौधों को निरंतर पानी मिले, इसके लिए ड्रिप इरेगेशन सिस्टम विकसित किया गया है। हरेभरे पेड़- पौधों के बीच बेहतर बैठक व्यवस्था बनाई गई है। इसमें टेनसाइल सीटिंग एरेजमेंट खास है। एक ओपन थिऐटर भी है। हर आयु वर्ग के लिए पैदल चलने हेतु अलग- अलग पथ-वे का निर्माण किया गया है।