रिपोर्ट – लक्ष्मण महंत
कोरबा। पुलिस अंकल मुझे आपसे डर नही लगता, क्योकि मुझे भी आपके जैसे वर्दी पहनना है। ये वाक्या उन आदिवासियों बच्चियों का है। जो जंगल के बीच संचालित सरकारी स्कूल में पढ़ते है। जहां न तो पानी की माकूल ब्यवस्था है और न ही शौचालय की। मगर जस्बा ऐसा जो अविश्वसनीय है। पुलिस अफसरों को अपने बीच पाकर उनकी उम्मिन्दे और बढ़ गई। आदिवासी बच्चियों के आत्मविश्वास को देखकर कोरबा सीएसपी योगेश साहू भी भावुक हो गए।
मौका था कोरबा पुलिस की ‘खाकी के रंग स्कूल के संग’ की थीम पर आयोजित कार्यक्रम का। बाल्को थाना क्षेत्र के केसलपुर के सरकारी प्राथमिक स्कूल आयोजित कार्यक्रम का। ‘खाकी के रंग स्कूल के संग’ के जरिये ग्रामीण इलाके में संचालित स्कूलों के बच्चो को जागरूक करने पुलिस की कवायद जारी है। केसलपुर के सरकारी स्कूल में ये कार्यक्रम आयोजित किया गया। कोरबा सीएसपी योगेश साहू बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे। बालको टीआई राकेश मिश्रा के नेतृत्व में आयोजित कार्यक्रम काफी रोचक रहा। पुलिस अफसरों और शिक्षकों के आगमन पर स्कूली बच्चो ने अंग्रेजी में गीत गागर अतिथियों का स्वागत किया। इसके बाद एक के बाद एक नौनिहालों ने कविता पाठ किया। जो सेना और पुलिस के जवानों को समर्पित था। इस दौरान पुलिस और स्कूली बच्चो के बीच सीधा संवाद हुआ। कोरबा सीएसपी योगेश साहू ने बच्चो से पूछा कि आपको पुलिस से डर लगता है क्या तो नौनिहालों ने कोई जवाब नही दिया। बच्चियों ने अचानक कहा कि सर् हमे पुलिस से डर नही लगता क्यो की हमे भी वर्दी पहनना है। बच्चियों की ये बात सुनकर सीएसपी साहू भी गदगद हो गए। योगेश साहू ने कहा कि मैं भी सरकारी स्कूल से पढ़कर इस मुकाम तक पहुचा हु। इसलिए अभी आपको पढ़ाई पर फोकस करना है। उन्होंने कहा कि इस नन्ही उम्र में बच्चो को अपराध और अपराधियों के बारे में नही बल्कि किताब के पाठ्यक्रम के संबंध में जानने की जरूरत है। विद्यार्थियों के टैलेंट को देखकर सीएसपी ने कहा कि भले ही केसलपुर गाँव का स्कूल जंगल के बीच है लेकिन यहां अध्ययनरत बच्चे बहुत आगे जाएंगे।
अंग्रेजी भाषा में स्वागत गान
वनांचल इलाके में संचालित सरकारी स्कूलों की शिक्षा गुणवत्ता पर सवाल उठते रहे है लेकिन केसलपुर के प्राथमिक स्कूल की प्रधान पाठिका की मेहनत की बदौलत आदिवासी बच्चे फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने लगे है। अतिथियों के आगमन पर बच्चियों ने अंग्रेजी भाषा गीत गाकर उनका स्वागत किया। जो अपने आप मे चौकाने वाली तस्वीर थी।
मोबाइल के इस्तेमाल से बच्चों में पनप रहा है एकाकी व्यवहार
बालको थाना प्रभारी राकेश मिश्रा ने बच्चो को मोबाइल से दूर रहने की बात कही। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में बच्चों के हाथों में मोबाइल थमा दिया गया ऑनलाइन स्टडी के लिए यह जरूरी भी था लेकिन मोबाइल पास रहने से बच्चे अपनों से ही दूर होते चले गए हैं जिससे कारण उनमें एकाकी व्यवहार पनप रहा है वर्तमान परिवेश में छोटे बच्चों को भी मोबाइल से इतना लगाव हो गया है कि वह अपने अभिभावकों से भी बात करना पसंद नहीं करते ऐसे में पेरेंट्स की भी जवाबदारी है की अपने बच्चों के व्यवहार का ख्याल रखें ताकि आगे चलकर नौनिहाल गलत रास्ते पर ना जाएं ।
पुलिस अंकल ने दिया पुरस्कार
कार्यक्रम के जरिए सरकारी स्कूल के बच्चों को कानून के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही पुलिस के नाम से उनके जेहन में व्याप्त डर को दूर करने की कोशिश भी की जा रही है केसरपुर के सरकारी स्कूल में आयोजित कार्यक्रम के दौरान पुलिस अंकल के सामने ही बच्चों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले नौनिहालों को पुरस्कृत भी किया गया पुलिस अंकल के हाथों पुरस्कार पाकर बच्चों के चेहरे भी खिल उठे।