समाज के साथ पलने वाले बच्चे समाज के प्रति संवेदनशील होते है:डॉ रामकुमार …..सीसीएफ की 200 वी ईकार्यशाला संपन्न

सीसीएफ छत्तीसगढ़ प्रभारी भूतपूर्व बाल कल्याण समिति अध्यक्ष जांजगीर-चांपा अधिवक्ता नम्रता पटेल उक्त कार्यशाला में अग्रणी रूप से भागीदारी निभाई है वह छत्तीसगढ़ बाल संरक्षण के परिपेक्ष में अपनी बातें रखी हैं सीसीएफ की उपयोगिता व सफलता की कहानियों से सबको अवगत कराया है और 200 भी वेबीनार की खुशियां सबके साथ बाटी है छत्तीसगढ़ से भूतपूर्व बाल कल्याण समिति अध्यक्ष भूतपूर्व उपभोक्ता आयोग सदस्य एडवोकेट मधु पांडे जी कोरबा छत्तीसगढ़ से उक्त कार्यशाला में सहभागी रही है वह अन्य सदस्य भी अपनी सहभागिता कार्यशाला में दिखाए

जिन बच्चों की परवरिश कुटुम्ब के साथ ,अपने दादा दादी की अंगुली पकड़कर होता है वे बच्चे बड़े होकर समाज की चिंता करते हैं,समाज के प्रति एक स्वाभाविक दायित्वबोध महसूस करते हैं इसलिए न्यूक्लियर फैमिली की अवधारणा को हमें खारिज करने की आवश्यकता है।यह बात आज सेवा भारती के राष्ट्रीय मंत्री डॉ रामकुमार ने चाइल्ड कंजर्वेशन फाउंडेशन की 200वी कार्यशाला को संबोधित करते हुए कही।ई कार्यशाला में नेपाल सहित 21 राज्यों के बाल अधिकार कार्यकर्ताओं एवं विशेषज्ञ ने भागीदारी की।
डॉ रामकुमार ने कहा कि समाज के वंचित वर्गों से जुड़े बच्चों के लिए सेवा भारती देश भर में पारिवारिक वातावरण केंद्रित कार्यक्रम चलाता है ताकि ऐसे चिन्हित बच्चे भविष्य में एक जबाबदेह नागरिक बन सकें।उन्होंने कहा कि आज एकल परिवार का चलन तेजी से बढ़ा है लेकिन यह भारत की परम्पराओं के अनुरूप नही है।डॉ रामकुमार ने बच्चों के क्षेत्र में कार्यरत सामाजिक संगठनों की महती भूमिका है ऐसे सभी संगठनों को समय समय पर अपनी भूमिका का मूल्यांकन करते रहना चाहिए।
चाइल्ड कंजर्वेशन फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ राघवेंद्र शर्मा ने कहा कि आज बच्चों के अधिकारों के साथ हमें उनके दायित्वों की चेतना पर भी समान रूप से काम करने की आवश्यकता है।उन्होंने कहा कि 40 साल पहले लोग सरकारी दफ्तरों में रिश्वत लेने से इसलिए डरते थे क्योंकि उन्हें अपने बच्चों की परवरिश में गलत धन डराता था लेकिन आज यह क्रम उल्टा हो गया है इसलिए परवरिश अपने आप मे एक गंभीर चुनौती है।डॉ शर्मा ने कहा कि समाज में विकास के साथ नैतिक पतन ने पारिवारिक वातावरण के सामने संकट खड़ा किया है ऐसे में सेवा भारती औऱ सीसीएफ मिलकर इस दिशा में ईमानदारी से काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
फाउंडेशन के सचिव डॉ कृपाशंकर चौबे ने 200 वी ई कार्यशाला तक के सफर पर विस्तार से प्रकाश डाला,उन्होंने बताया कि देश के 21 राज्यों के अलावा कनाडा,ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका,इंग्लैंड,नार्वे जैसे देशों से भी प्रतिभागियों ने भाग लिया।
०200 सतत कार्यशाला रिकॉर्ड बना०
चाइल्ड कंजर्वेशन फाउंडेशन ने देश भर में बच्चों के क्षेत्र में काम करने का एक रिकॉर्ड बनाया है।संगठन ने चार साल के दौरान 200 सप्ताह तक बिना किसी रुकावट के ई कार्यशालाओं का आयोजन किया।इस दौरान सुप्रीम कोर्ट,हाईकोर्ट के सीनियर वकील,ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड से बाल अधिकार कार्यकर्ताओं,राष्ट्रीय एवं प्रदेश के बाल अधिकार संरक्षण आयोगों के अध्यक्ष, प्रतिष्ठित एनजीओ के पदाधिकारियों एवं बाल अधिकार विशेषज्ञ ने देश भर के प्रतिनिधियों को किशोर न्याय एवं बाल विकास की सहायक गतिविधियों पर मार्गदर्शन प्रदान किया।