भाजपा अध्यक्ष राजीव सिंह प्रशासन के एजेंट की तरह कर रहे काम, उनका अपना कोई एजेंडा नहीं – महापौर

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कोरबा – महापौर राजकिशोर प्रसाद ने कहा कि कोरबा शहर में भारी वाहनों के बढ़ते दबाव उससे होने वाले प्रदुषण एवं सड़क दुर्घटनाओं से कोरबा की जनता का निजात दिलाने के उद्देश्य से कोरबा शहर से बाहर नये ट्रांसपोर्ट नगर बनाये जाने की परिकल्पना भाजपा शासन के दौरान की गई । वर्ष 2016 – 17 में जनप्रतिनिधियों की व्यापक बैठक आयोजित की गई थी । उस वक्त तत्कालिन कलेक्टर मोहम्मद अब्दुल केशर हक पदस्थ थे। बैठक में तत्कालिन सांसद बंशी लाल महतो जी भी उपस्थित रहे । इस सर्वदलीय बैठक में कोरबा के विधायक व वर्तमान राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने रूमगरा में नया ट्रांसपोर्ट नगर स्थापित करने का प्रस्ताव रखा था । अंततः डॉ. बंशीलाल महतो ने बरबसपुर को ही प्राथमिकता दी और सर्वसम्मति इस स्थान को चयनित कर लिया गया । भाजपा शासन काल में ही बरबसपुर में स्थापित किये जाने की प्रक्रिया शुरू की गई । दरअसल भाजपा के वर्तमान जिलाध्यक्ष डॉ. राजीव सिंह पैराशुट अध्यक्ष हैं जमीनी स्तर पर उन्होंने कभी काम नहीं किया है इसलिए उन्हें भाजपा शासनकाल में प्रमुख निर्णयों की ही उन्हें जानकारी नहीं है। वह केवल प्रशासन की ओर से तैयार की गई स्क्रिप्ट बस मीडिया के सामने पढ़तें हैं । इसके पहले भी प्रशासनिक अधिकारियों के बचाव में मैदान मे उतर चुके हैं जनहित के मुद्दों मे जनता के लिए काम करन के जगह प्रशासनिक अधिकारियों के हाथ की कठपुतली बन कर रह गये हैं । प्रशासन की एजेंट की तरह काम करने की जगह जनता के हित की बात करें। मेरा सवाल है कि आखिर ऐसी क्या वजह है कि जब कभी भी प्रशासनिक अधिकारियों की जनविरोधी कार्यों का विरोध किया जाता है तो भाजपा अध्यक्ष उनके साथ खड़े नजर आते हैं । रहा सवाल बरबसपुर में जमीन खरीदी का तो करीब 6 साल पहले बरबसपुर स्थल प्रस्तावित है। सैंकड़ों ट्रांसपोर्टर, व्यावसायी वर्ग स्वाभाविक तौर पर बरसबसपुर क्षेत्र में जमीन खरीदा है तो इसमें गलत क्या है ? हम तो यह कहते हैं क्या डॉ. राजीव सिंह ने झगरहा क्षेत्र में जमीन खरीद रखा है इसलिए प्रशासन की वकालत कर रहें हैं कही ऐसा तो नहीं प्रशासन ने उन्हें झगरहा में जमीन देने का वादा कर दिया हो । राजीव सिंह व उनके साथियों के अलावा अन्य भाजपा नेता भी यही चाहतें हैं कि प्रस्तावित बरबसपुर में नया ट्रांसपोर्ट नगर बने इसकी वजह भी लाजिमी है । 2 से 3 साल का वक्त प्रशासनिक प्रक्रिया मंे लग चुका है। स्थल बदलने पर नये सिरे से प्रशासनिक प्रक्रिया पूरी करनी पड़ेगी । इसमें फिर वक्त लगेगा उससे भी कहीं ज्यादा चिंता की बात यह है कि झगरहा में प्रशासन जिस स्थल को वैकल्पिक चयनित बता रही वह वहां करीब 70 प्रतिशत वन भूमि है। ऐसे मंे नया ट्रांसपोर्ट नगर को लंबे समय के लिए लटकाने की कोशिश की जा रही है इसे हम सफल होने नहीं देगें। झगरहा में पहले से ही आई टी कॉलेज संचालित है साथ ही हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी व मेडिकल कॉलेज भवन बनना प्रस्तावित है । रिस्दी चौक तक मकानें बन चुकी हैं झगरहा अब रिहायशी में शामिल हो चुके हैं ऐसे में इस स्थल में नया ट्रांसपोर्ट नगर बसाया जाना किसी भी तरह से उपयुक्त नहीं लगता है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बरबसपुर में वर्तमान में जो कचरा डम्प है उसको हटाने के लिए पहले ही 5 करोड़ 78 लाख रूपये का टेंडर हो चुका है रहा सवाल एन जी टी के निर्देशों का तो इसका उल्लंघन नहीं होगा क्योंकि ट्रांसपोर्ट नगर निर्माण में जितना वक्त लगेगा इस बीच सॉलिड वेस्ट हट जा चुका रहेगा । एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रशासन के अधिकारी किसके इशारे पर इस प्रोजेक्ट पर व्यवधान उत्पन्न कर रहे यह तो वही बताएंगे। नाले से निकलने वाले गीले वेस्ट के लिए अमृत मिशन के अंतर्गत एक अलग प्रोजेक्ट प्रक्रियाधीन है। यहां प्रतिदिन इसका निपटान किया जाएगा। गीला वेस्ट डंप करने की नौबत ही नहीं आएगी।

सभी विभागों से मिल गये हैं अनापत्ति प्रमाण पत्र
महापौर राजकिशोर ने बताया कि सॉलिड वेस्ट मैंनेजमेंट के लिए नगर निगम को 72.91 एकड़ भूमि आबंटित है इसमें 40.36 एकड़ नये ट्रांसपोर्ट नगर के लिए चिन्हित किया गया है। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग में यह शामिल है एस ई सी एल, वन विभाग, पी डब्ल्यू डी समेत सभी महत्वूपर्ण विभागांे से अनापत्ति प्रमाण पत्र मिल चुका है। इसके अलावा आम ईश्तहार के माध्यम से दावा आपत्ति मंगाकर उनका निराकरण भी कराया जा चुका है। प्रमुख बात यह है कि द्वितीय चरण के लिए भी पर्याप्त कचरा निपटान का प्रक्रिया बदल चुकी है इसलिए जल्द शेष भूमि भी रिक्त हो जाएगा। इसलिए बरबसपुर में नया ट्रांसपोर्ट नगर बेहतर व सुव्यवस्थित है।

मुख्यमंत्री भी कर चुकें हैं प्रोजेक्ट की घोषणा
महापौर राजकिशोर ने कहा कि मुख्य मंत्री श्री भूपेश बघेल जी ने अपने कोरबा प्रवास के दौरान बरबसपुर को नया ट्रांसपोर्ट नगर बनाये जाने की घोषणा की थी । इसलिए इस प्रोजेक्ट जनहित में पूरा किया जाना चाहिए। प्रशासनिक अधिकारी अंड़गा क्यूं लगा रहे हैं यह समझ से परे है।