VIdeo – अधिकवक्ताओं ने कलेक्टरेट के सामने किया प्रदर्शन…..कलेक्टर के खेद जताने के बाद मामला हुआ शांत….देखे वीडियो

कोरबा। कलेक्टर रानू साहू पर वरिष्ठ अधिवक्ता आरएन राठौर के साथ अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए जिला अधिवक्ता संघ ने देर शाम को मोर्चा खोल दिया और कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार पर नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। करीब तीन घंटे तक अधिवक्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। अंततः कलेक्टर को वापस अपने दफ्तर पहुंच कर प्रतिनिधियों के समक्ष खेद व्यक्त करनी पड़ी।

शुक्रवार को शाम करीब पांच बजे कलेक्ट्रेट के सामने जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष गणेश कुलदीप व अन्य पदाधिकारी कलेक्टर साहू के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। उनके साथ संगठन के अन्य पदाधिकारी व सदस्य भी काफी संख्या में मौजूद रहे। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष कुलदीप का कहना था कि पूर्व अध्यक्ष अधिवक्ता राठौर के साथ न्यायालयीन प्रक्रिया के दौरान कलेक्टर ने अभद्र व्यवहार किया। जब तक कलेक्टर खेद व्यक्त नहीं करेगी, हम कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठे रहेंगे। बताया जा रहा है कि प्रदर्शन शुरू होते ही कलेक्टर दफ्तर छोड़ कर निकल गई। इधर जैसे- जैसे समय बढ़ रहा था, अधिवक्ताओं की भीड़ बढ़ रही थी। मौके पर कोरबा सीएसपी योगेश साहू समेत तमाम पुलिस के अधिकारी पहुंच गए। समझाइश के बाद भी अधिवक्ता खेद व्यक्त करन की मांग पर अड़े रहे। कलेक्ट्रेट परिसर में माहौल गर्म होते देख कलेक्टर साहू रात करीब नौ बजे वापस अपने दफ्तर पहुंची और अधिवक्ताओं के एक प्रतिनिधि मंडल को बुलाया। इस दौरान उन्होने अधिवक्ता राठौर व उनके बीच संवादहीनता की वजह से हुई गलतफहमी के लिए खेद व्यक्त की। बाहर निकले अधिवक्ता राठौर ने बताया कि कलेक्टर के खेद व्यक्त करने के साथ ही अब वे व उनका संगठन संतुष्ट है। इसके साथ ही धरना अधिवक्ताओं का धरना प्रदर्शन समाप्त हो गया। प्रदर्शन के दौरान प्रमुख रूप से वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक तिवारी, श्यामल मल्लिक, ममता दास समेत अन्य अधिवक्ता उपस्थित रहे।

संवादहीनता की वजह से यह हुआ, इसलिए व्यक्त की खेद

इस मामले में कलेक्टर रानू साहू का कहना है कि बाल्को एक डायवर्सन संबंधित जमीन पर अनुविभागीय अधिकारी ने चार लाख का शुल्क निर्धारित किया है। इस मामले की अपील डेढ़ वर्ष पहले दंडाधिकारी न्यायालय में लगाई गई थी। इसकी सुनवाई के दौरान शुक्रवार को उन्होंने अधिवक्ता राठौर से जमीन के दस्तावेज की मांग की। इस पर अधिवक्ता ने कोर्ट में दस्तावेज प्रस्तुत होने का प्रावधान होने की बात कही। मैने जो भी कहा, राज्य के राजस्व हित को मद्देनजर रखते हुए कहा। मैने अधिवक्ता की योग्यता पर प्रश्नचिंह नहीं लगाया। जो भी हुआ, संवादहीनता की वजह से हुआ और इसके लिए मैने खेद व्यक्त किया है।