गृहमंत्री बोले- यह हमारे लिए राजनीतिक मुद्दा नहीं मान्यता है
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि अब देश की बेटी और माताएं देश के नीति निर्धारण में अपना सहयोग देंगी। महिला सशक्तिकरण हमारे लिए राजनीतिक मुद्दा नहीं मान्यता का सवाल है। अमित शाह ने कहा कि मंगलवार 19 सितंबर का दिन दिन भारतीय संसद के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। कल के दिन वर्षों से जो लंबित था वो महिलाओं को अधिकार देने का बिल सदन में पेश हुआ। मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को साधुवाद देना चाहता हूं। इस बिल के पारित होने से महिलाओं के अधिकारों की लंबी लड़ाई खत्म हो जाएगी। जी 20 के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने महिला नेतृत्व वाले विकास का विजन पूरी दुनिया के सामने रखा।
जड़ें भारत से नहीं जुड़ी हैं
गृहमंत्री ने कहा कि महिलाएं पुरुषों से आगे हैं, लेकिन अब व्यवस्था ऐसी बन गई कि हमें आरक्षण देना पड़ा। हमारे यहां ज्ञान की देवी सरस्वती, धन की देवी लक्ष्मी और शक्ति की देवी दुर्गा को बताया गया है। इन सभी रूपों में माताओं का ही जिक्र किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि जिनकी जड़ें भारत से नहीं जुड़ी हैं वे इसे नहीं समझे।
महिला आरक्षण का बिल लाने का यह 5वां प्रसास
गृहमंत्री ने कहा- कुछ पार्टियों के लिए महिला सशक्तिकरण एक राजनीतिक एजेंडा हो सकता है। कुछ दलों के लिए महिला सशक्तिकरण का नारा चुनाव जीतने का एक हथियार हो सकता है, लेकिन भाजपा के लिए महिला सशक्तिकरण राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि मानयता का सवाल है। महिला आरक्षण बिल लाने का यह 5वां प्रयास है। देवेगौड़ा जी से लेकर मनमोहन सिंह जी तक चार बार इस बिल को लाने की कोशिश की गई। क्या कारण था कि ये बिल पास नहीं हो सका?