रविवारीय ड्यूटी और ओवरटाइम में कटौती किए जाने से नाराज कोयला मजदूर लगातार दूसरे रविवार को भी मानिकपुर खदान में काम करने नहीं पहुंचे। मजदूरों ने एमटीके दफ्तर के पास हंगामा किया।
प्रबंधन पर मजदूर विरोधी नीति अपनाने का आरोप लगाया। कहा कि कोयला कंपनी का प्रबंधन मजदूरों के साथ लगातार वादा खिलाफी कर रहा है। उनकी सुविधाओं में कटौती कर रहा है। इससे कोयला मजदूर नाराज हैं। गौरतलब है कि बजट का हवाला देकर एसईसीएल प्रबंधन ने कोरबा एरिया में बड़े पैमाने पर मजदूरों की संडे ड्यूटी में कटौती किया है। उनके ओवरटाइम को भी घटा दिया है। इससे मजदूरों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। एसईसीएल की मानिकपुर कोयला खदान में लगभग 330 कोलकर्मी तैनात हैं। इसमें ओवरमैन, माइनिंग सरदार, डम्पर ऑपरेटर, डोजर ऑपरेटर, पंप ऑपरेटर आदि शामिल हैं। रविवारीय ड्यूटी और ओवरटाइम में कटौती किए जाने से सबसे अधिक असर इन्हीं कर्मचारी पर पड़ा रहा है। उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है। इससे मजूदर नाराज हैं। रविवार को मजदूरों ने काम नहीं किया। काम से दूर रहे। मजदूरों के आंदोलन का पांचों यूनियन ने समर्थन किया है। उनकी मांगों को जायज बताया है। यूनियन का कहना है कि संडे ड्यूटी और ओवरटाइम को बहाल नहीं किया जाता है तो आने वाले दिनों में और उग्र आंदोलन किया जाएगा।
बताया जाता है कि रविवार को ड्यूटी करने पर एसईसीएल प्रबंधन नियमित कर्मचारियों को दोगुनी हाजिरी देता है। इसके अलावा मजदूरों को वेतन के आधार पर ओवरटाइम का भुगतान करना पड़ता है। इससे कोयला कंपनी पर आर्थिक दबाव पड़ रहा है। इसी का हवाला देकर कंपनी ने कोयला कर्मचारियों के संडे और ओवरटाइम में कटौती किया है।