यहाँ के ग्रामीणों ने खुद को गांव में कर लिया है लॉक…. कोरोना का कॉन्फिडेंस हो गया है डाउन , काश ! ऐसा अनुशासन शहर में दिखता तो बदल जाते हालात

 

लक्षमण महंत 

कोरबा। जिले में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। ग्रामीण इलाके में भी लगातार कोरोना के मरीज सामने आ रहे है। वही वनांचल में कई ऐसे भी इलाके है, जहां के ग्रामीणो ने अपनी जागरूकता से कोरोना वायरस को गांव के बाहर ही ब्लॉक कर दिया है। अपने परिवार के साथ ही पूरे गांव को सुरक्षित रखने के लिए ग्रामीण एकजुट होकर कोविड-19 से लड़ाई लड़ रहे है।
कोरबा के पर्यटन स्थल सतरेंगा में पर्यटकों की भीड़ देखने को मिलती है। मगर लॉकडाउन में खूबसूरत जगह सूना पड़ा है। गांव में हर तरफ सन्नाटा पसरा है। घर और दुकानों के पट बंद है। दरअसल सतरेंगा के ग्रामीणों ने कोरोना को हराने में सरकार का साथ दे रहे है। जिले में 12 अप्रैल से टोटल लॉकडाउन है, तब से यहां के ग्रामीण बगैर प्रशासनिक सख्ती के लॉकडाउन का पालन कर रहे है। करीब एक हजार की आबादी वाले इस गांव में पानी की काफी समस्या है। सीमित हेण्डपम्प के सहारे बड़ी आबादी अपनी प्यास बुझाती है। आम दिनो की तरह कोरोना काल मे भी हेंडपम्पो में पानी भरने के लिए भीड़ लगता है। लेकिन गाँव की महिलाओं ने कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने संकल्प ले लिया है। चेहरे पर मास्क और समाजिक दूरी का पूरा ख्याल रखकर महिलाएं पानी भरती है। आपको बता दे कि जिले में पिछले 22 दिनो में 9676 कोरोना संक्रमित मरीज मिले है। जबकि कोरोना से 297 लोगो की मौत हो चुकी है। ऐसे में लोग काफी डरे हुए है। इस बात को ध्यान में रखकर सतरेंगा के ग्रामीण काफी सतर्क है। यहां के लोग कोई लापरवाही नही करते। यही वजह है कि अब तक ये गांव कोरोनामुक्त है। जबकि आस- पास के कई गांव में कोरोना के मरीज मिल चुके है। बहरहाल कोरबा शहरी इलाके में जगह जगह पुलिस की तैनाती होने के बाद भी लोगो की लापरवाही देखने को मिल जाती है, लेकिन सतरेंगा के आदिवासियों ने लॉकडाउन का पालन कर मिशाल कायम किया है।