पूर्व मंत्री जयसिंह की परिकल्पना हुई पूरी….. इंदिरा व राजीव की प्रतिमा का राहुल गांधी ने किया अनावरण

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कोरबा। राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा कोरबा से गुजर चुकी है पर इसकी सफलता की चर्चा अभी भी सरगर्म है। न्याय यात्रा के संयोजक पूर्व कैबिनेट मंत्री जयसिंह अग्रवाल हैं और उनके सफल अगवाई में न्याय यात्रा का ऐतिहासिक आयोजन हुआ।
शहर के टीपी नगर स्थित प्रियदर्शनी इंदिरा स्टेडियम में राजीव आडिटोरियम के सामने स्थापित स्व. राजीव गांधी वह इंदिरा स्टेडियम परिसर में इंदिरा गांधी की प्रतिमा का अनावरण भी राहुल गांधी ने किया। जयसिंह उस वक्त विधायक थे और उनकी धर्मपत्नी रेनू अग्रवाल महापौर थीं। तब इन मूर्तियों का निर्माण कराया गया था प्रतिमा को बीते कई वर्षों से ढंक कर रखा गया था। सोनिया, प्रियंका या राहुल गांधी के कोरबा पहुंचने का इंतजार था। राहुल गांधी न्याय यात्रा के दौरान कोरबा पहुंचे और उनके हाथों दोनों ही प्रतिमाओं का अनावरण खुद राहुल ने किया और पूर्व कैबिनेट मंत्री अग्रवाल का संकल्प पूरा हुआ।
मूर्तियों के अनावरण की परिकल्पना पूरी होने पर जय सिंह अग्रवाल ने प्रसन्नता व्यक्ति की है। बेहतर संयोजन का ही परिणाम था कि राहुल खुलकर आम लोगों से जुड़ पाए। उन्होंने जनसभा के दौरान भूतपूर्व सैनिक, मजदूर और अलग-अलग वर्ग के लोगों से बात की। जय सिंह सदा अध्यक्ष रहे तब इंदिरा स्टेडियम वह इंदिरा शक्ति केंद्र का निर्माण कराया था। न्याय यात्रा जब तक कोरबा में रही, तब तक संयोजक जयसिंह अग्रवाल उनके साथ बने रहे। वे पूरा समय राहुल के साथ रहे।

 

युवा टीम को विकास सिंह ने किया लीड

कोरबा जिले में नया यात्रा 12 फरवरी को पहुंची थी और लगभग 24 घंटे तक यह कोरबा जिले की सीमा में रही। सक्ति के बाद राहुल कोरबा पहुंचे थे।
उन्होंने भैसमा में पूरी रात गुजारी। इस दौरान जयसिंह अग्रवाल के करीबियों में शामिल इंटक के अध्यक्ष विकास सिंह और उनकी युवा टीम पूरी तरह से सक्रिय रही। पिछले सोमवार की सुबह जब न्याय यात्रा सीतामढ़ी चौक पहुंची, तब व्यवस्था संभालना मुश्किल हो रहा था। उनके सफल नेतृत्व में भीड़ इतनी अधिक हुई कि लोगों को रोक पाना सुरक्षाकर्मियों के लिए आसान नहीं था।
ऐसे में युवा टीम ने बेहतर संयोजन किया। जिसके कारण ही न्याय यात्रा कोरबा शहर से होते हुए दर्री, जमनीपाली, गोपालपुर, कटघोरा से होकर पाली तानाखार पहुंची. बरपाली में यात्रा का ठहराव था। जिसके बाद यात्रा कोरबा की सीमा को पार कर सूरजपुर में प्रवेश कर गई.

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