कटघोरा नगर पालिका की भाजपा पार्षद ने कांग्रेस ज्वाइन किया….. शैल बाई ने लगाया भाजपाईयों पर दबाव बनाने का आरोप…….बीजेपी अध्यक्ष ने किया इनकार

 

कोरबा । कोरबा जिले के कटघोरा नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड-12 की भाजपा पार्षद के द्वारा भाजपा छोड़ कर कांग्रेस में प्रवेश करने को लेकर पिछले 24 घंटे से कायम स्थिति अब स्पष्ट हो गई है। हरदीबाजार में विधायक निवास पर आयोजित कथा में शामिल होने पहुंचे भाजपा पार्षद शैल बाई आर्मी व पार्षद पति के कांग्रेस में प्रवेश करने की खबर आम हुई। विधायक पुरुषोत्तम कंवर द्वारा उनका स्वागत कर कांग्रेस प्रवेश कराया गया। शाम होते-होते पार्षद ने कैमरे के सामने बयान जारी किया कि वह भाजपा में ही हैं और कांग्रेस प्रवेश नहीं कि हैं। इन दोनों घटनाक्रम से कांग्रेस और भाजपा खेमे में खलबली मच गई।

आज सुबह पार्षद के पति सह प्रतिनिधि कमलेश्वर आर्मो ने एक बयान जारी किया और उन्होंने बताया कि कल रात भाजपा के कुछ लोग उनके घर पहुंचे थे और भाजपा में रहने के लिए ही दबाव बना रहे थे लेकिन वह और उनकी पत्नी कांग्रेस में जा चुके हैं। आज इन्होंने पालिका अध्यक्ष रतन मित्तल की उपस्थिति में विधिवत अपना इस्तीफा भाजपा मंडल अध्यक्ष के नाम लिख दिया। पति और पत्नी ने भाजपा से व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा देना बताकर अब कांग्रेस के प्रति अपनी निष्ठा जाहिर कर दी है। इसके साथ ही दोनों दलों में इनके संबंध में चली आ रही दुविधा की स्थिति स्पष्ट हो चुकी है। भाजपा पार्षद के कांग्रेस में शामिल होने के बाद पालिका अध्यक्ष रतन मित्तल के चेहरे पर खुशी लौट आई है और उन्हें इस बात का भरोसा है कि उनके विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव ध्वस्त हो ही जाएगा।

कहीं कोई दबाव नहीं, सब स्वतंत्र हैं-भाजपा मंडल अध्यक्ष

इस मामले में कटघोरा भाजपा मंडल अध्यक्ष धन्नू प्रसाद दुबे ने भाजपाईयों द्वारा पार्षद के घर जाकर दबाव डालने वाली बात से साफ इंकार करते हुए कहा कि “किसी भी तरह का कोई दबाव किसी पर नहीं डाला गया है। सब लोग अपना निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं। नगर पालिका अध्यक्ष रतन मित्तल के विरुद्ध भाजपा ने अविश्वास प्रस्ताव लाया है और इसके लिए वे हर तरह के जोड़-तोड़ में लगे हुए हैं। भाजपा के द्वारा किसी को कहीं भी आने-जाने से रोका नहीं गया है और ना ही कोई दबाव बनाया जा रहा है कि वह भाजपा में ही रहें। लगाए गए दबाव संबंधी सभी आरोप निराधार हैं। पार्षद शैल बाई का इस्तीफा सुनने में आया है लेकिन मेरे हाथ में अभी नहीं पहुंचा है।”