कोरबा : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बुधवार को कटघोरा के प्रवास पर रहेंगे। यहां दोपहर एक बजे उनकी सभा आयोजित की गई है। इसकी प्रशासनिक तैयारियां पूरी कर ली गई है। कटघोरा ऐसा केंद्र बिंदु है, जहां कोरबा लोकसभा के सभी विधानसभा क्षेत्र के लोग आसानी से पहुंच सकते हैं। कटघोरा से पाली-तानाखार विधानसभा लगा हुआ है, जहां आदिवासी वर्ग की बाहुल्यता है। शाह इस वर्ग को भी साधने की कोशिश करेंगे।
कोरबा लोकसभा के आठ विधानसभा में छह में भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं। मनेन्द्रगढ, भरतपुर- सोनहत, बैकुंठपुर, मरवाही में भाजपा का कब्जा होने के बावजूद यहां के कार्यकर्ता बिखरे हुए हैं। उधर रामपुर और पाली-तानाखार में भाजपा की स्थिति पहले से ही कमजोर है। कोरबा शहर में भाजपा की स्थिति बेहतर है और यहां से होने वाले लीड को लेकर भाजपा के नेता भी आश्वस्त हैं। यही वजह है कि कोरबा की जगह कटघोरा में सभा का निर्णय लिया गया है। माना जा रहा है कि इस सभा के बाद रणनीतिकार शाह का जादू एक बार फिर कोरबा में चलेगा।
पिछले 16 माह के अंदर तीसरी बार शाह जिले के प्रवास पर आएंगे। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि उनके दौरे के बाद कोरबा संसदीय क्षेत्र में माहौल बदलेगा। यहां बताना होगा कि विधानसभा चुनाव के लिए होने वाले मतदान के कुछ दिन पहले ही शाह का दौरा हुआ था और उसके बाद पूरा माहौल भाजपा के पक्ष में चला गया। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व राज्य सभा सदस्य सरोज पांडेय को यहां से प्रत्याशी बनाया गया है। यहां कई स्थानीय भाजपा के नेता इसके दावेदार थे, स्वाभाविक तौर पर उनके अंदर निराशा है। भले ही वे खुलकर न बोल रहे हों, पर प्रत्याशी सरोज के समर्थन में भी खुल कर मैदान में नहीं आ रहे। कुछ नेता अनमने ढंग से कार्य कर रहे हैं। पिछली बार विधानसभा चुनाव से पहले शाह आए थे और उस दौरान भाजपा के प्रत्याशी लखनलाल देवांगन के लिए कहा था कि ये बड़े आदमी बनेंगे और उन्हें मंत्री बना दिया गया। इस बार भी शाह अपने पिटारे से अवश्य कुछ न कुछ निकालेंगे जरूर। कांग्रेस प्रत्याशी भी निशाने पर रहेंगी।