शिकसा स्थापना दिवस समारोह का हुआ आयोजन,, अनामिका ने गाया राजगीत …. लोग हुए मंत्रमुग्ध

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(शिकसा हर शिक्षकों के प्रतिभा को सम्मानित करता है : शिवनारायण )

कोरबा/।जांजगीर – शिक्षक कला व साहित्य अकादमी छत्तीसगढ़ ने 6 वीं स्थापना दिवस के अवसर पर कार्यक्रम “शिकसा स्थापना दिवस समारोह” का आयोजन संयोजक डाॅ.शिवनारायण देवांगन “आस” के संयोजन कार्यक्रम प्रभारी विजय कुमार प्रधान की उपस्थिति व टीकाराम सारथी “हसमुख” प्राचार्य चुरतेली के अध्यक्षता में आयोजित हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना कामती ठाकुर व राजगीत अनामिका चक्रवर्ती ने प्रस्तुत कर किया।
सर्वप्रथम संस्थापक व संयोजक डॉ.शिवनारायण देवांगन “आस” ने स्थापना दिवस पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज हमारी संस्था 5 वर्ष पूरा कर ,6 वे वर्ष में प्रवेश कर चुके है इन 05 वर्ष में 400 से अधिक आनलाइन कार्यक्रम व 50 से अधिक आफलाइन कार्यक्रम करके इतिहास रच चुके है। इसके सभी को बहुत बहुत बधाई।
प्रांताध्यक्ष कौशलेंद्र पटेल ने कहा कि इन पांच साल में शिकसा छत्तीसगढ़ ही नही अन्य राज्य में अपना पहचान बना चुका है। ये संस्थापक व संयोजक डॉ. शिवनारायण देवांगन”आस” के लगन व मेहनत है।
प्रदेश महासचिव डाॅ.बोधीराम साहू ने सचिव प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया शिक्षक कला व साहित्य अकादमी शिकसा परिवार के रूप में जाना जाता है जिसकी महक पूरे छत्तीसगढ़ में हर शिक्षक तक पहुंच चुका है जो किसी परिचय का मोहताज नही है। ये हमारे संयोजक आस का मेहनत व सयोजन है।
संगठन मंत्री राधेश्याम कंवर ने कहा जो भी शिक्षक शिकसा के सानिध्य में आता है तो उसके प्रतिभा में निखार आता है और बड़े बड़े सम्मान से सम्मानित होते है मुझ जैसे को बहुत ऊपर उठाया है। हमारे संयोजक आस ने किसी को निराश नही किया।
कार्यक्रम प्रभारी विजय कुमार प्रधान ने कहा शिकसा अनलाइन कार्यक्रम निरंतर संयोजक आस के मार्गदर्शन में करते आ रहे है और हजारो शिक्षक सम्मानित हो चुके है यहां सभी को समानता का अधिकार मिलता है।
जिलाध्यक्ष दुर्ग होरीलाल चतुर्वेदी ने भी अपने उदबोधन में कहा कि शिकसा हमेशा शिक्षकों को नई पहचान दिलाकर सम्मानित करने वाला प्रथम मंच है। संयोजक आस अपनी तकलीफों का परवाह न कर सतत कार्यक्रम करते रहते है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष टीकाराम सारथी”हसमुख” ने अपने अध्यक्षीय उदबोधन में कहा शिकसा का हर कार्यक्रम सराहनीय व प्रसंशनीय है।जिसे एक परिवार के रूप में आस ने जोड़कर रखा है। अंत में गीत सुनाकर मंत्रमुग्ध किया।
कार्यक्रम में दिनेश कुमार दुबे, ओ.पी.कौशिक “रतन पुरिहा, मोहित कुमार शर्मा, राजीव गुप्ता , अश्वनीकुमार उइके , राजीव लोचन कश्यप हेमराज निषाद , हरमन कुमार बघेल , सुनीता चौधरी अध्यापिका नीमच म प्र., शशिकला पांडे, मंजू लता मेरसा “कृष्णा मानसी” सल्का बिलासपुर, ममता साहू, विंध्यवासिनी पांडे , गुंजन वार्ष्णेय शिक्षक हाथरस उ.प्र., रेखा पात्रे , किरण शर्मा , पुष्पांजलि ठाकुर í, हेमा चंद्रवंशी नमिता गोपाल जांजगीर आदि ने शिकसा पर गीत, कविता व विचार प्रगट किया।
कार्यक्रम का सफल संचालन उषा भट्ट ली व आभार प्रर्दशन डॉ. शिवनारायण देवांगन “आस” संयोजक ने किया।

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