CG पर सोनिया के फैसले का इंतजार:सिंहदेव ने भी आलाकमान पर छोड़ा फैसला, आज रायपुर नहीं लौटकर भोपाल जाएंगे; दिल्ली से फिर बुलावे की संभावना

दोनों नेताओं ने अंतिम फैसला आलाकमान पर छोड़ा है। अब देखना होगा कि इसका समाधान कब तक होता है।

छत्तीसगढ़ सरकार के दो शक्ति केंद्रों के बीच सत्ता संग्राम का अंत होता नहीं दिख रहा है। दो दिन के दिल्ली प्रवास से लौटे मुख्यमंत्री समर्थकों ने बुधवार को हवाई अड्‌डे पर शक्ति प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, आलाकमान ने उन्हें मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी दी है, अगर वे कहें तो यह पद त्याग दूंगा। इसमें कोई संशय नहीं है। उधर दिल्ली में जमे स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी फैसला आलाकमान पर ही छोड़ दिया है।

बताया जा रहा है कि बुधवार को कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात के बाद टीएस सिंहदेव भी दिल्ली छोड़ने की तैयारी में थे। छत्तीसगढ़ के प्रभारी महासचिव पीएल पुनिया ने उन्हें एक और दिन के लिए रोक लिया। रात को उनकी कुछ वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात हुई है। टीएस सिंहदेव आज दिल्ली से लौट रहे हैं, लेकिन वे रायपुर आने की जगह भोपाल जाएंगे। सिंहदेव और उनकी टीम को संकेत मिले हैं, कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी की ओर से समाधान पर चर्चा के लिए एक बार और बुलावा आएगा।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक सिंहदेव ने इस बार केंद्रीय नेतृत्व के सामने स्पष्ट कर दिया है कि सरकार बनने के समय उनसे जो वादा किया गया था, उसे पूरा किया जाना चाहिए। इधर टीएस सिंहदेव खेमा खासा उत्साहित दिख रहा है। उन्हें उम्मीद है कि केंद्रीय नेतृत्व अंतत: उनकी बात मानेगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का कहना है, यह विवाद जितना देर टलेगा सरकार और अगले चुनाव में उतनी दिक्कतें खड़ी करेगा। केंद्रीय नेतृत्व को इसका तुरंत समाधान करना चाहिए। फिलहाल सभी की निगाह सोनिया गांधी के फैसले पर टिकी हुई है। वह फैसला कब आता है और उसके क्या परिणाम होंगे यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

समर्थक-मंत्री सोशल मीडिया में साझा कर रहे हैं CM का बयान
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समर्थक आक्रामक हैं। वे सोशल मीडिया में मुख्यमंत्री का वह बयान साझा कर रहे हैं जिसमें उन्होंने कहा था, “ढाई-ढाई साल का राग अलापने वाले सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं, यह कभी सफल नहीं होगा।’ खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने लिखा, जो लोग सरकार को अस्थिर करना चाहते हैं वे समझ जाएं कि यह किसान, आदिवासियों और आमजन की सरकार है।

अधिकतर मंत्रियों ने विवाद से दूरी बनाए रखी
सरकार के अधिकतर मंत्री और विधायक इस विवाद में तटस्थ दिखने की कोशिश कर रहे हैं। कल मुख्यमंत्री के समर्थकों के शक्ति प्रदर्शन में भी केवल रविंद्र चौबे और अमरजीत भगत ही पहुंचे थे। वहां मौजूद विधायकों में कुलदीप जुनेजा, विनय जायसवाल जैसे कुछ चेहरे थे। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम खुद वहां मौजूद नहीं रहे। इस संबंध में इन नेताओं ने सोशल मीडिया पर भी चुप्पी साधे रखी है।

नारे के काउंटर में नारा
बुधवार को हवाई अड्‌डे पर भूपेश समर्थकों के शक्ति प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेता एक नारा लगा रहे थे, छत्तीसगढ़ अड़ा हुआ है, भूपेश बघेल संग खड़ा हुआ है। कहा जा रहा है कि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव समर्थकों की ओर से लगाए जा रहे नारे, “छत्तीसगढ़ डोल रहा है, बाबा-बाबा बोल रहा है’ का काउंटर है। 5 अगस्त को युवा कांग्रेस के संसद घेराव कार्यक्रम में सिंहदेव समर्थकों ने यह नारा दिल्ली में भी लगाया था। पहली बार इस तरह के नारे अजीत जोगी के समर्थकों ने उनके लिए गढ़े थे।

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