विश्व हृदय दिवस पर डॉ. एस. चंदानी का संदेश “दिल है तो ज़िंदगी है, इसे सँभालना हमारी ज़िम्मेदारी है

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कोरबा। विश्व हृदय दिवस के अवसर पर न्यू कोरबा हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. एस. चंदानी ने समाज से अपील की है कि लोग हृदय रोगों को गंभीरता से लें और समय रहते अपनी जीवनशैली में बदलाव करें। उन्होंने कहा कि हृदय रोग अब केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं रहे, बल्कि युवा वर्ग भी तेजी से इसकी चपेट में आ रहा है। बदलती जीवनशैली, तनाव, धूम्रपान, शराब और अनियमित खानपान इसके प्रमुख कारण हैं।
डॉ. चंदानी ने बताया भारत में हृदय रोग मृत्यु का सबसे बड़ा कारण बन चुका है, लेकिन जागरूकता, संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और समय पर जांच से लगभग 80 प्रतिशत हृदय रोगों को रोका जा सकता है।

 सीपीआर का महत्व – जीवन बचाने की कला
डॉ. चंदानी ने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति को सीपीआर (कार्डिओपल्मोनरी रिससिटेशन) की बुनियादी जानकारी होनी चाहिए। यह ऐसी जीवन रक्षक तकनीक है जो अचानक हृदयगति रुक जाने की स्थिति में किसी की जान बचा सकती है। उन्होंने कहा -अगर हम अपनी पूरी जिंदगी में केवल एक व्यक्ति की जान भी बचा पाते हैं, तो यह हमारे जीवन की सबसे बड़ी सफलता होगी।
न्यू कोरबा हॉस्पिटल लगातार समाजहित में नि:शुल्क सीपीआर प्रशिक्षण उपलब्ध करा रहा है। यदि कोई संस्था, विद्यालय, महाविद्यालय या पुलिस विभाग सामूहिक प्रशिक्षण चाहता है तो NKH इसके लिए विशेष सत्र आयोजित करने को तैयार है।

0 समाज के नाम अपील- संतुलित आहार और योग-व्यायाम को अपनाएँ।, धूम्रपान और शराब से दूर रहें।, ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल की नियमित जाँच कराएँ।, सीपीआर सीखें और दूसरों को भी प्रेरित करें।

 NKH की प्रतिबद्धता
अस्पताल अब तक सैकड़ों नागरिकों और पुलिसकर्मियों को सीपीआर का प्रशिक्षण दे चुका है। डॉ. चंदानी ने कहा -स्वस्थ दिल ही स्वस्थ समाज की नींव है। विश्व हृदय दिवस पर हम सब संकल्प लें कि अपने दिल की रक्षा करेंगे, सीपीआर सीखेंगे और एक-दूसरे का जीवन सुरक्षित बनाएँगे।

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