कोरबा – पूर्व उपमुख्यमंत्री के बेटे बहु और पोती की हुई थी नृशंस हत्या…… पांच दोषियों को उम्र कैद की सजा

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0 पूर्व् उप मुख्यमंत्री स्व.प्यारेलाल कंवर के पुत्र,बहू व पोती के खून से रंगे थे बड़े भाई-भाभी ने हाथ

। अविभाजित मध्य प्रदेश के पूर्व् उपमुख्यमंत्री स्वर्गीय प्यारेलाल कंवर के ग्राम भैंसमा मुख्य मार्ग स्थित निवास में 4 साल पहले दिल दहला देने वाले हत्याकांड के आरोपियों को अंतत: उम्रकैद की सजा से दंडित किया गया है। बुधवार को यह फैसला न्यायालय ने सुनाया। मृतक के बड़े भाई और भाभी ने संपत्ति ज्यादा पाने के लालच में इस खूनी खेल को योजनाबध्द अंजाम दिलाया था। पांच आरोपियों को अब जाकर उम्र कैद की सजा मिली है। प्रकरण में राज्य सरकार की तरफ से अतिरिक्त शासकीय अभिभाषक एवं अतिरिक्त लोक अभियोजक कृष्ण कुमार द्विवेदी ने पैरवी की।
जानकारी के मुताबिक इस हत्याकांड की घटना को 21 अप्रैल 2021 की तड़के अंजाम दिलाया गया था। उरगा थाना अंतर्गत भैंसमा मुख्य मार्ग के किनारे स्थित आवास में निवासरत हरीश कंवर पिता स्वर्गीय प्यारेलाल कंवर, पत्नी सुमित्रा और पुत्री यशिका की धारदार हथियार से नृसंशतापूर्वक काट हत्या कर दी गई। सुबह 4:15 से 5 के मध्य इस वारदात को अंजाम दिया गया था। हत्यारे ने घर पर मौजूद वृद्ध दृष्टिहीन महिला को छोड़ दिया था। इस मामले में उरगा थाना निरीक्षक लखन पटेल ने अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध अपराध दर्ज करने के साथ ही मर्ग कायम कर विवेचना में लिया।
पुलिस ने प्रकरण में कुल पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी, 34, 201, 302, 404 तथा आर्म्स एक्ट की धारा 25 के तहत अपराध पंजीकृत किया। आरोपी परमेश्वर कंवर, रामप्रसाद मन्नेवार, हरभजन सिंह कंवर (भाई), धन कुमार (भाभी) और सुरेंद्र सिंह कंवर( आरोपी हरभजन का साला) को गिरफ्तार किया। इन्होंने पूछताछ में वारदात को अंजाम देने की वजह बताया।इस पूरे मामले की जाँच उरग  टीआई लखन पटेल ने की थी।

इस मामले को उरगा पुलिस ने विचारण हेतु न्यायालय में प्रस्तुत किया। लगभग 4 साल के लंबे इंतजार के बाद इसमें फैसला आया है। न्यायालय तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार नंदे ने प्रकरण में सभी पांचो आरोपियों को दोषसिद्ध पाया है। सभी आरोपियों को उम्र कैद/आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया गया है। इनके अलावा विभिन्न धाराओं में भी सजा और जुर्माना से दंडित किया गया है सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।

0 बाघा ने दिया था सबसे महत्वपूर्ण सुराग,sms भी मददगार
पूर्व उपमुख्यमंत्री स्वर्गीय प्यारेलाल कंवर के परिवार में हुए हत्याकांड की चर्चा छत्तीसगढ़ के साथ-साथ मध्यप्रदेश तक सुनाई पड़ी। काफी चुनौती पूर्ण हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाने में पुलिस के आलाअधिकारी घटनास्थल से लेकर हत्यारों के आने- जाने के रास्तों का पता लगाने में जुटे हुए थे। जिले भर में नाकाबंदी की गई और लोग भी यह जानने को उत्सुक थे कि आखिर हत्या किसने की? हत्यारों ने मौके पर न हथियार छोड़ा था और न कोई सुराग। पुलिस के लिए इस वक्त भी खोजी डॉग बाघा बहुत बड़ा सहारा बना। डॉग के साथ डॉग मास्टर सुनील कुमार गुप्ता ने घटनास्थल कमरे का बारीकी से मुआयना किया पर सुराग नजर न आया। तलाश की कड़ी में एक संदूक पर नजर पड़ी जिसमें मौजूद कुछ दस्तावेज बाहर गिरे थे। संभवतः आरोपियों ने इसे देखा-पकड़ा था, इस दस्तावेज से बहुत ही बारीक गंध महसूस करने के बाद बाघा घर से निकलकर सड़क पार करते एक पेड़ के आसपास से घूमकर उस रास्ते पर दौड़ लगा दिया जिधर से वे आए-गए थे। बाघा के पीछे-पीछे पुलिस अमला भी निकल पड़ा। अपराधियों ने चालाकी दिखाते हुए रास्ते में अपने खून से सने कपड़ों को जला दिया था। एक आरोपी का सुराग निकटतम अस्पताल से मिला जो जख्मी होकर पहुंचा था व एक्सीडेंट का बहाना बना रहा था जबकि घटना दिनांक को उस आंतरिक मार्ग पर कोई हादसा हुआ ही नहीं था। बाघा के सहयोग से आरोपियों का महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगा ।एक अन्य टीम को इसी प्रारम्भिक पड़ताल के दौरान यह भी पता चला कि घर की बच्ची ने एक आरोपी (मामा) को मोबाइल से sms किया था कि हम लोग morning walk पर निकल गए हैं…..। यह sms भी एक महत्वपूर्ण सुराग बना। निरीक्षक लखन पटेल  की टीम ने आरोपियों को दबोचा था। आरोपियों से चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि ज्यादा संपत्ति हासिल करने की नीयत से भाई-भाभी से साला के सहयोग से सुपारी देकर हत्या करवाई थी।

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