अरे ये क्या ! फिर घिर गए लखन… इस बार महिलाओं ने पूछा- कहां थे 10 साल, अब आ रही बहन की याद

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कोरबा। कोरबा में भाजपाइयों के मुसीबत कम नहीं हो रही है। कभी इनकी पत्रकारवार्ता में भोजन खत्म हो जाता है, तो कभी घोषणा पत्र के कसीदे पढ़ते विधायक सवालों का जवाब नहीं दे पाते। इनके स्टार प्रचारकों का दौरा कैंसिल हो जाता है। तो कभी इनके प्रत्याशी को ही लोग घेर लेते हैं। एक दिन पहले ही कोरबा विधानसभा के भाजपा प्रत्याशी लखनलाल देवांगन को एक युवक ने घेरकर पूछा कि आपने हमारे लिए क्या किया? 15 साल बीजेपी की सरकार रही, लेकिन क्षेत्र का विकास नहीं हुआ। लखन का चेहरा शर्म से लाल हो गया। समर्थक उलझने के कगार पर आ गये। अब एक बार फिर लखन का एक दूसरा वीडियो सामने आया है। जिसमें प्रचार के दौरान महिलाओं ने उन्हें घेर लिया और पूछा कि 10 साल तक कहां गायब थे और अब सीधे हमें बहन बना रहे हो। एक बार फिर महिलाओं को जवाब देते लखन के हाथ-पांव फूल गए। कुछ बोलते बना नहीं और वह बगलें झांकते हुए आगे बढ़ गए।

 

महिलाएं मांग रही 10 साल का हिसाब-

शहर और क्षेत्र के विकास के लिए भाजपाइयों के पास विजन नहीं है। इनके पास है तो सिर्फ नकारात्मक बातें, सिर्फ विरोधी के चरित्र पर कीचड़ उछालना ही इनकी राजनीति का तरीका है। विकास कैसे होगा? इसका रोडमैप क्या है? इनके पास ऐसे सवालों के जवाब नहीं हैं। लखन से यही सवाल पूछा जा रहा है। ताजा वीडियो में महिलाओं ने लखन से पूछा कि 10 साल तक कहां गायब थे। हमारे लिए भाजपा के सरकार ने क्या किया है? अब अचानक चुनाव प्रचार में निकले हो और सीधे हमें बहन बना लिया। अब आपको याद आ रहा है कि झुग्गी झोपड़ी में रहने वाली महिलाएं आपकी बहन हैं। बताइए की 10 साल तक आप कहां थे, क्या कर रहे थे? कहां गायब थे, इतना निष्क्रिय रहने के बाद अब सीधे वोट मांग रहे हैं। लखन पूरी तरह से निरुत्तर हो गए। उनके पास कहने के लिए कुछ था ही नहीं। बस इतना ही बोल पाए कि जब महापौर था। तब काम किया था। महिलाओं ने तपाक से बोल दिया उसके बाद कहां थे। महापौर रहते भी आपका कोई बड़ा तो हमे दिखा नहीं।

 

सवाल तो पूछे जाएंगे-

दरअसल लखनलाल देवांगन 5 साल कोरबा नगर निगम में महापौर रहे। उसके बाद वह कटघोरा विधायक बने और फिर 2018 का चुनाव हार गये। वह 10 साल तक कोरबा विधानसभा से पूरी तरह से गायब थे।
एक विपक्षी नेता के तौर पर भी उनकी कोई सक्रियता कहीं नहीं दिखी। 10 साल उन्हें किसी ने देखा ही नहीं, कोई गतिविधि किसी ने नहीं देखी। इस निष्क्रियता के बाद वह अचानक बरसाती मेंढक की तरह कुएं से निकल आए और सीधे महिलाओं को अपनी माता और बहन बना रहे हैं। महिलाओं से कह रहे हैं कि वोट मुझे ही देना, इसलिए लोगों का सवाल पूछना भी स्वाभाविक है।

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