कोरबा महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव….. भाजपा के 30 पार्षदों के हस्ताक्षर युक्त पत्र के साथ सौंपा कलेक्टर को

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कोरबा । कोरबा जिला नगर पालिक निगम महापौर राजकिशोर प्रसाद के विरुद्ध भारतीय जनता पार्टी विपक्ष के 30 पार्षदों के द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। विभिन्न 21 बिंदुओं में महापौर के कार्यकाल की कमियों और नाकामियों को रेखांकित करते हुए नगर निगम नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल की अगुवाई में अविश्वास प्रस्ताव जिलाधीश सौरभ कुमार को सौंपा गया है। महापौर के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने के बाद नगर निगम के गलियारे में राजनीतिक सरगर्मी में बढ़ गई साथ ही नगर जनों की निगाहें भी इस ओर टिकी हैं कि अविश्वास प्रस्ताव पर आगामी दिनों में क्या होगा ?
इस मौके पर नगर निगम नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल ने कहा है कि कोरबा नगर निगम की कुर्सी पर एक गैर सक्रिय महापौर को बैठा दिया गया है, जिन्होंने एक-एक कर चार साल गुजार दिए और उपलब्धि की बात तो दूर बल्कि ढेरों समस्याओ का अंबार लगा दिया साथ ही काम फाइलों में लंबित पड़े हैं। उल्टे निगम क्षेत्र में सड़क, सफाई और पानी की समस्याओं का अंबार लग गया है। ऐसे अक्रिय और असफल महापौर को हटाना ही कोरबा के हित के लिए जरुरी है। यही वजह है जो यह अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है।
कोरबा जिला नगर निगम महापौर राजकिशोर प्रसाद के विरुद्ध छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 23 के तहत अविश्वास प्रस्ताव गुरुवार को सुबह 11 बजे 30 भाजपा पार्षदों के हस्ताक्षर युक्त पत्र कलेक्टर को सौंपा गया। इस अविश्वास प्रस्ताव में कहा गया हैं की शहर में विकास कार्य पूरी तरह ठप्प पड़े हैं। नगर निगम क्षेत्र की जनता को महापौर के ऊपर अब विश्वास नही रहा हैं।
इस अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष राजीव सिंह ने कहा कि नगर निगम महापौर का रिमोट कंट्रोल कही ओर है। आप अच्छी तरह जानते है कि किसके इसारे में निगम में भारी भष्टाचार हो रहा है। जनता सब जानती है, जनता अगर किसी को सर पर बैठा सकती है तो सर से उतार के पटकने में टाइम नहीं लगाती है। चार साल गुजर गए और उपलब्धि तो दूर उल्टे निगम क्षेत्र में सड़क, सफाई और पानी की समस्याओं का अंबार है। ऐसे अक्रिय और असफल महापौर को हटाना ही कोरबा के हित के लिए जरुरी हो जाता है।

 

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