शिशु दत्तक ग्रहण अधिनियम के तहत पश्चिम बंगाल राज्य के दंपति ने मातृछाया के शिशु को लिया गोद

(कोरबा) शिशु दत्तक ग्रहण अधिनियम के तहत पश्चिम बंगाल राज्य के दंपति ने मातृछाया के शिशु को लिया गोद
कोरबा (ईएमएस) कोरबा अंचल में कुआँ भट्टा क्षेत्र में स्थित विवेकानंद सेवा सदन मातृछाया के एक शिशु को अपना घर मिला। दत्तक ग्रहण कार्यक्रम कर निःसंतान दंपति ने विधिक प्रक्रिया पुरी कर उसे गोद लिया। खुशी के इस क्षण में वहां मौजूद हर किसी ने अब तक बेसहारा रहे शिशु को माता-पिता व परिवार का आश्रय मिलने पर संतोष जाहिर किया और शिशु के उज्ज्वल भविष्य एवं सुखी जीवन के लिये कामना की गई।
सेवा भारती, कोरबा द्वारा संचालित मातृछाया (विशेषीकृत दत्तक ग्रहण) में कुआँ भट्टा क्षेत्र स्थित विवेकानंद सेवा सदन परिसर में एक शिशु दत्तक ग्रहण अधिनियम के तहत पश्चिम बंगाल राज्य के दंपति को गोद दिया गया। कार्यक्रम में दंपति की विधिवत गोदभराई की रस्म कर शिशु प्रदान किया गया। मातृछाया में सामाजिक एवं अन्य कारणों से त्यागे गए नवजात शिशुओं का पालन-पोषण किया जाता है। इस दत्तक ग्रहण कार्यक्रम में बतौर अतिथि समाज सेवी रमेश पाठक, अनुराग जी एच आर एस.बी.आई बैंक रिजनल ऑफिस कोरबा, बालकल्याण के अधिकारी दीपमाला, संस्था के सचिव सुनील जैन उपस्थित रहे।
सुनील जैन द्वारा सेवा भारती कोरबा द्वारा संचालित सेवा कार्यों की जानकारी दी गई। रमेश पाठक ने अपने उद्बोधन में दंपत्ति को बधाई व बच्चे के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए संस्था के सेवा कार्यों को सराहा। अनुराग द्वारा सेवा भारती कोरबा के सेवा कार्यों की प्रशांसा करते हुए बैंक द्वारा सेवा कार्यों हेतु यथा संभव सहयोग करने ला का आश्वासन दिया।
ऐसे शिशु, जिनकी आयु शून्य से पाँच वर्ष तक की हो, उन्हें उनकी देखरेख और विकास के लिए समर्पित कार्यकर्ता पारिवारिक वातावरण प्रदान कर पोषित होने योगदान देते हैं। जहां एक ओर इन शिशुओं को एक स्नेह भरे परिवार की जरूरत होती है, दूसरी ओर कई निःसंतान दंपती को भी, जिनकी कोई संतान नहीं, उन्हें वात्सल्य प्रेम प्रदान करने नन्हा शिशु चाहिए होता है। ऐसे दंपतियों को एक प्रक्रिया के माध्यम से सेवा भारती मातृछाया से नन्हे शिशु गोद दिए जाते हैं।
कार्यक्रम का संचालन व आभार व्यक्त वैभव चौरसिया द्वारा किया गया इस अवसर पर सेवा भारती कोरबा के सदस्य व कोरबा शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।