विकास का विरोध – बीजापुर में NH-63 पर ग्रामीणों का 8 घंटे से जाम, इंद्रावती नदी पर पुल और सड़क निर्माण कार्य बंद करने की मांग

 

 

 

बीजापुर में ग्रामीण सड़क और पुल निर्माण के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने महाराष्ट्र और तेलंगाना हाईवे जाम कर रखा है।
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में ग्रामीण सड़क और पुल निर्माण के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने महाराष्ट्र और तेलंगाना हाईवे जाम कर रखा है।
जिला मुख्यालय से करीब 50 किमी दूर भैरमगढ़ में ग्रामीण सुबह 10 बजे से कर रहे हैं प्रदर्शन
जगदलपुर से हैदराबाद-महाराष्ट्र मार्ग पर लगी वाहनों की कतार, प्रशासन समझाने में जुटा
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में विकास के विरोध में ग्रामीण एक बार फिर उठ खड़े हुए हैं। नक्सलियों के बहकावे या डराने में आए ग्रामीणों ने NH-63 पर बुधवार को करीब 8 घंटे से जाम लगा रखा है। इसके चलते जगदलपुर से हैदराबाद और महाराष्ट्र जाने वाला मार्ग बाधित है। दोनों ओर वाहनों की कतारें लग गई हैं। ग्रामीण इंद्रावती नदी पर पुल और सड़क निर्माण कार्य का विरोध कर रहे हैं। प्रशासन उन्हें समझाने में जुटा हुआ है।

5 पंचायतों के एक हजार से अधिक ग्रामीण वहां पहुंच गए और हाईवे को जाम कर दिया। इतनी बड़ी संख्या में ग्रामीणों को देख भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
5 पंचायतों के एक हजार से अधिक ग्रामीण वहां पहुंच गए और हाईवे को जाम कर दिया। इतनी बड़ी संख्या में ग्रामीणों को देख भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
जिला मुख्यालय से करीब 50 किमी दूर भैरमगढ़ में NH-63 पर बुधवार सुबह से ही ग्रामीण एकत्र होना शुरू हो गए थे। सुबह करीब 10 बजे तक 5 पंचायतों के एक हजार से अधिक ग्रामीण वहां पहुंच गए और हाईवे को जाम कर दिया। इतनी बड़ी संख्या में ग्रामीणों को देख भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। हाईवे पर जाम होने के कारण महाराष्ट्र और निजामाबाद जाने वाला रूट बंद हो गया है। वाहनों की सुबह से लाइन लगी हुई है।

इसलिए प्रदर्शन कर रहे हैं ग्रामीण

इंद्रावती नदी में पुल निर्माण और सड़क निर्माण कार्य बंद करवाने
आदिवासी ग्रामीण स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र खोलने
फर्जी गिरफ्तारी और फर्जी एनकाउंटर बंद करने की मांग रहे हैं।
समझाने पर हटे और फिर सड़क पर बैठ गए
ग्रामीणों के एकत्र होने की सूचना पर विधायक विक्रम मंडावी, SP और कलेक्टर सहित प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंच गया। ग्रामीणों को काफी देर तक समझाते रहे। उनकी मांगों पर विचार करने की बात की जा रही थी। साथ ही बताया जा रहा था कि जल्द ही स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों को शुरू किया जाएगा। भैरमगढ़ तहसीलदार जुगल किशोर पटेल ने बताया कि अपराह्नन करीब 3 बजे ग्रामीण वहां से हटने लगे थे, पर फिर बैठ गए हैं।