पोस्टर-पाम्पलेट में प्रकाशक-मुद्रक का नाम और संख्या छापना होगा अनिवार्य……बिना घोषणा पत्र वाले प्रिंटिंग आर्डर लेने पर होगी कार्यवाही

 

प्रिंटिंग प्रेस संचालकों की ली गई बैठक

कोरबा 17 मार्च 2024/ भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा निर्वाचन 2024 के कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता प्रभावशील हो गई है।
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री अजीत वसंत के निर्देशन में चुनाव प्रचार सामग्री मुद्रण में बरती जाने वाली सावधानियों के संबंध में उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती सीमा पात्रे ने कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जिले के प्रिंटिंग प्रेस संचालक और मुद्रकों की बैठक ली। इस अवसर पर डिप्टी कलेक्टर श्री विकास चौधरी सहित अन्य अधिकारी एवं प्रिंटिंग प्रेस संचालक मुद्रक उपस्थित थे।
बैठक में उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने प्रिंटिंग प्रेस संचालकों को लोकसभा निर्वाचन के दौरान छापी जाने वाली राजनीतिक प्रचार सामग्रियों के बारे में निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि लोकसभा निर्वाचन के लिए आदर्श आचार संहिता प्रभावशील होते ही सभी प्रिंटरों-मुद्रकों और प्रकाशकों को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में निहित प्रावधानों और दिशा निर्देशों का पालन करना बंधनकारी होगा। उन्होंने बताया कि मुद्रकों की यह जिम्मेदारी होगी कि वह निर्वाचन के दौरान प्रचार के लिए छापी गई सामग्री की तीन प्रतियां और प्रकाशक की घोषणा जिला निर्वाचन कार्यालय में छपाई के 72 घंटे के भीतर जमा कराएं। मुद्रित की गई सामग्रियों पर मुद्रक एवं प्रकाशक का नाम तथा मुद्रित संख्या अंकित करना अनिवार्य होगा। साथ ही लोकसभा निर्वाचन के लिए प्रचार-प्रसार की सामग्री में मुद्रित किये जाने वाला मैटर आदर्श आचार संहिता के दायरे में होना चाहिए।
किसी भी प्रकार की प्रचार सामग्री जैसे हैंडबिल, पाम्पलेट, पोस्टर, बैनर, फ्लैक्स आदि को छापने के लिए संबंधित व्यक्ति द्वारा मुद्रक को घोषणा पत्र भरकर ही आर्डर दिया जाएगा। उन्होंने मुद्रकों से कहा कि बिना घोषणा पत्र वाले प्रिंटिंग आर्डर ना लें। बिना घोषणा पत्र वाले प्रिंटिंग आर्डर लेने पर 6 माह की जेल और दो हजार रुपए जुर्माना या दोनों भी किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति कोई निर्वाचन संबंधी पाम्पलेट, पोस्टर या अन्य प्रचार-प्रसार सामग्री तब तक मुद्रित नहीं करेगा जब तक उनके पास प्रकाशक की हस्ताक्षरित घोषणा और दो व्यक्तियों द्वारा अनुप्रमाणित न हो।