पूरे छत्तीसगढ़ पर छाया मानसून:अगले दो दिन तक प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर भारी से अति भारी बरसात की चेतावनी, वज्रपात की भी संभावना

 

 

सामान्य से छह दिन पहले आया मानसून आज छत्तीसगढ़ में पूरी तरह छा गया है। इसके प्रभाव से रायपुर सहित प्रदेश के सभी जिलों में अधिकांश स्थानों पर बरसात जारी है। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों के लिए प्रदेश के अधिकांश स्थानाें पर भारी से अति भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। कई स्थानों पर वज्रपात की भी संभावना है।

रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी एचपी चंद्रा ने बताया, दक्षिण-पश्चिम मानसून मध्य प्रदेश के कुछ और हिस्सों में आगे बढ़ गया है। मानसून अब संपूर्ण छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश के अधिकांश भागों, पश्चिम उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों, संपूर्ण उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद तक पहुंच गया है। उत्तरी हरियाणा, चंडीगढ़ और उत्तरी पंजाब के कुछ हिस्सों में भी मानसून पहुंच गया है। अभी मानसून की उत्तरी सीमा दीव, सूरत, नंदुरबार, भोपाल, नौगांव, हमीरपुर, बाराबंकी, बरेली, सहारनपुर, अंबाला और अमृतसर है। मौसम विभाग के मुताबिक दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं। छत्तीसगढ़ में सामान्य तौर पर मानसून 16 जून को आता है। इस मौसम विभाग ने 10 जून तक आने की संभावना जताई थी। मानसून के केरल तट तक पहुंचने में विलंब हुआ तो यहां पहुंचने की संभावना को आगे बढ़ा दिया गया। त्वरित अनुमानों को धता बताते हुए मानसून 9-10 जून की रात में सक्रिय होकर रायपुर तक पहुंच गया। शनिवार को इसकी सक्रियता पेण्ड्रा रोड तक सीमित थी।

बंगाल की खाड़ी में बना हुआ है निम्न दाब क्षेत्र

मौसम विभाग के मुताबिक बंगाल की उत्तर-पश्चिमी खाड़ी और पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा के आसपास के तटीय क्षेत्रों पर एक निम्न दबाव का क्षेत्र कल से बना हुआ है। संबंधित चक्रवाती परिसंचरण मध्य ट्रोपोस्फेरिक स्तर तक फैला हुआ है और ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुका हुआ है। इसके अगले 2-3 दिनों के दौरान ओडिशा, झारखंड और उत्तरी छत्तीसगढ़ में पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है।

दो स्थानीय सिस्टम भी सक्रिय हैं

बताया गया, एक द्रोणिका मध्य पाकिस्तान से बंगाल की उत्तर-पश्चिम खाड़ी और पश्चिम बंगाल के आसपास के तटीय क्षेत्रों और दक्षिण हरियाणा, दक्षिण उत्तर प्रदेश में उत्तर ओडिशा के बीच कम दबाव के क्षेत्र तक, पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश, उत्तरी छत्तीसगढ़ और झारखंड होते हुए समुद्र तल से 1.5 किमी ऊंचाई तक स्थित है। वहीं एक पूर्व-पश्चिम द्रोणिका 4.5 किमी से 5.8 किमी तक उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी से पश्चिम मध्य अरब सागर तक दक्षिण छत्तीसगढ़, उत्तरी तेलंगाना, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक और दक्षिण कोंकण होते हुए स्थित है।

कल कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होगी

मौसम विभाग के मुताबिक 14 जून को प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। वहीं प्रदेश में एक कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होने तथा एक-दो स्थानों पर अति भारी वर्षा होने की भी संभावना है। प्रदेश में एक-दो स्थानों पर गरज चमक के साथ आकाशीय बिजली गिरने की संभावना है।