नशे के गिरफ्त में बचपन को बचाने हाथ बढ़ाये….1098 में कॉल करें

कोरबा । जब कभी आपको सड़क पर कोई बच्चा भिक्षा मांगता दिखे, कबाड़ चुनता नजर आए या नशे की गिरफ्त में पड़कर अपना भविष्य अंधेरे में गुम करता मिले, तो चाइल्ड लाइन को तत्परता से सूचित करें। केवल एक मिनट देकर 1098 पर किया गया आपका एक काल उस बच्चे का जीवन बदल सकता है। उस एक पल की अनदेखी उस बच्चे का सारा जीवन भटकाव की ओर धकेल सकती है। उन्हें यूं अपना भविष्य बर्बाद करते देखकर भी अनदेखा न करें और सोचें कि अगर सही राह पकड़ा दी गई तो कल वह भी तो हमारे देश का होनहार भविष्य बन सकता है।

कोविड-19 संक्रमण प्रभाव के बाद ग्राम भालूसटका में चाइल्ड लाइन 1098 की टीम की ओर से खुला मंच कार्यक्रम रखा गया था। यह बातें कार्यक्रम में शामिल बच्चों व पालकों को संबांधित करते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग एवं चाइल्ड लाइन की टीम की ओर से कही गई। उन्होंने किशोरी बालिकाओं व छोटे बच्चों को बाल अधिकार, पाक्सो एक्ट के संबंध में जानकारी प्रदान करते हुए जागरुक किया। चाइल्ड लाइन 1098 की सुविधा के साथ उन्हें कोविड-19 संक्रमण से बचाव के संबंध में बताया गया। बच्चों को समय-समय पर अपने हाथ साबुन से अच्छी तरह धोकर स्वच्छता रखने की सीख दी गई। यह कार्यक्रम महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी आनंद प्रकाश किसपोट्टा, जिला बाल संरक्षण अधिकारी दयादास महंत, चाइल्ड लाइन के डायरेक्टर डिक्सन मसीह, चाइल्ड लाइन केंद्र समंवयक आशीष दान के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से चाइल्ड लाइन टीम से नमिता लकड़ा, मधु मालती, राजनारायण, संजय बरेठ, गोपाल यादव एवं निलेश राठौर उपस्थित रहे।

बाल मजदूरी का विरोध कर संवारें भविष्य

चाइल्ड लाइन की टीम ने आम जनों से आग्रह किया कि बाल मजदूरी करने वाले बच्चे दिखें, तो बिना वक्त गंवाए चाइल्ड लाइन 1098 से संपर्क करें। चाइल्ड लाइन के डायरेक्टर डिक्सन मसीह ने कहा कि बाल मजदूरी हमारे देश व समाज के लिए अभिशाप की तरह है, जिसका विरोध कर आप भी इन बच्चों का जीवन सुधारने और उनका भविष्य संवारने में अपना योगदान सुनिश्चित कर सकते हैं। उन्होंने लोगों से कहा एक जिम्मेदार नागरिक का फर्ज निभाएं। खेलने-कूदने व पढ़ने-लिखने की उम्र में काम के बोझ से मुक्त कर अपने सपनों की ओर बढ़ने का रास्ता बुनने में मदद करें।

कोविड से बचने साबुन व मास्क वितरित

इस कार्यक्रम में 36 बच्चे शामिल हुए और उनके साथ बच्चों के परिजन, क्षेत्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं मितानिनों ने भी भागीदार दर्ज कराते हुए लोगों की जागरुकता के लिए सहभागिता प्रदान की। चाइल्ड लाइन की ओर से उन्हें साबुन व मास्क भी वितरित कर उसके उपयोग के तरीके भी सिखाए गए। टीम की ओर से गुजारिश की गई कि जब भी कहीं पर ऐसे बच्चे दिखें, जो नशा करते हैं, भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चे, कबाड़ बिनने का काम करते हों या किसी भी प्रकार की मुसीबत से भरी जिंदगी यापन करने विवश दिखाई दें तो उनकी मदद के लिए सूचित करें।