नंद घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की …… विष्णुकुंज में श्रीमद्भागवत कथा का उल्लास

कोरबा । पृथ्वी में जब-जब धर्म की हानि होती तब भगवान उसकी स्थापना के लिए अवतार लेते हैं। इस धरा पर कई आसुरी शक्तियां आती हैं और जाती हैं लेकिन भगवान के स्थापित धर्म ध्वज को न तो कोई झुका सका और न झुका पाएगा।
यह बात आचार्य अनिल शुक्ल ने गुप्ता परिवार के तत्वावधान में शारदा विहार अमरैयापारा के विष्णुकंुज में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा व्यास मंच से कही। कथा आयोजन के चौथे दिन आचार्य ने प्रहलाद, वामन, राम चरित्र व कृष्ण जन्मोत्सव की कथा का व्याख्यान किया। उन्होने कहा अत्याचार में ही अत्याचारी का अंत छुपा होता है। हिरण्यकश्यप, रावण व कंस के अत्याचार ही उनके पतन का कारण बना। भगवान ने विविध अवतार लेकर भक्तों का उद्धार किया। कृष्ण जन्मोत्सव का नाट्य रूपांतरण से पंडाल में उत्साह बना रहा। वामन अवतार की व्याख्यान में आचार्य ने राजा बलि के घमंड को चूर करने की कथा कही। उन्होने बताया कि भगवान वामन ने राजा से तीन पग भूमिदान मांगी। दो ही पग में उन्होने पृथ्वी व आकाश को माप दिया। तीसर पग रखने की बात आई तो उन्होने सिर रखने के लिए कहा। इस तरह बलि पाताल लोक को चला गया। इसी तरह भक्त प्रहलाद की कथा का व्याख्यान करते हुए उन्होने बताया कि नरसिंह अवतार लेकर प्रहलाद का उद्धार किया। पांचवे दिन की कथा में आचार्य कृष्ण की बाल लीला व रूकमणि विवाह का व्याख्यान करेंगें। कथा आयोजन को लेकर गुप्ता परिवार सहित क्षेत्र वासियों में उत्साह देखा जा रहा है।