कोरोना की वजह से क्या-क्या हो गया है बंद….पढ़िये कोरोना संकट ने किस पर लगा दिया ब्रेक

रायपुर 24 मार्च 2021। छत्तीसगढ़ में कोरोना की बेकाबू रफ्तार के बीच कई गतिविधियां बंद कर दी गयी है, तो कई पाबंदियां भी लागू कर दिया गया है। प्रदेश में स्कूल, कालेज व शिक्षण संस्थानों को तो बंद कर दिया ही गया है, साथ ही साथ ट्रेनिंग प्रोग्राम, सांस्कृतक कार्यक्रमों पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी गयी है। आइये देखते हैं प्रदेश में किन-किन गतिविधियों में अब तक पाबंदियां लगायी गयी है।

सांस्कृतिक आयोजनों पर रोक

होली के त्योहार के मद्देनजर कोरोना संक्रमण बढ़ने की आशंका गहराने लगी है। प्रदेश में होली के मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन की परंपरा रही है, लिहाजा कोरोना संकट को देखते हुए सांस्कृति विभाग ने तमाम सांस्कृतिक आयोजनों को तत्काल प्रभाव से बंद करने का निर्देश दिया है। विभागीय मंत्री अमरजीत भगत के निर्देश के बाद कार्यक्रमों को रोक लगाया गया है।

स्वयंसेवी शिक्षकों का प्रशिक्षण और कक्षाएं स्थगित
कोरोना संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए पढ़ना-लिखना अभियान अंतर्गत विकासखण्ड और संकुल स्तर पर आयोजित स्वयंसेवी शिक्षकों का ऑफलाइन प्रशिक्षण और ऑफलाइन साक्षरता कक्षाएं आगामी आदेश तक स्थगित कर दिया है। राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के संचालक एवं सदस्य सचिव श्री डी. राहुल वेंकट ने इस आशय के आदेश सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला परियोजना अधिकारी जिला साक्षरता मिशन को जारी कर दिए हैं।

आंगनबाड़ी केंद्र बंद, घर पहुंच मिलेगा रेडी-टू-ईट

कोविड-19 के वर्तमान बढ़ते प्रसार को देखते हुए राज्य शासन ने प्रदेश के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों तथा मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन तत्काल प्रभाव से आगामी आदेश तक बंद किए जाने का आदेश जारी किया है। सभी संभागायुक्तों, कलेक्टरों, जिला कार्यक्रम अधिकारियों और बाल विकास परियोजना अधिकारियों को जारी कर दिया गया है। आंगनबाड़ी केन्द्र तथा मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों को बंद रखे जाने की अवधि में सभी श्रेणी के पात्र हितग्राहियों को प्रावधान अनुसार रेडी-टू-ईट का वितरण किया जाएगा। 3 से 6 वर्ष के बच्चों को गरम भोजन के स्थान पर 6 माह से 3 वर्ष के बच्चों के लिए निर्धारित रेडी टू ईट तथा गर्भवती महिलाओं को गरम भोजन के स्थान पर शिशुवती महिलाओं के लिए निर्धारित रेडी टू ईट का वितरण किया जायेगा। यह सामग्री आंगनबाड़ी केन्द्र से वितरित न किया जाकर घर पहुंच सेवा के रूप दी जायेगी।

सार्वजनिक कार्यक्रम, बैठकों पर रोक का आदेश
महिला बाल विकास विभाग के मुताबिक सार्वजनिक कार्यक्रम जैसे – सुपोषण चैपाल, समूह की बैठके इत्यादि नहीं होंगे पर गृह भेंट के माध्यम से स्वास्थ्य एवं पोषण शिक्षा तथा सजग अभियान अन्तर्गत ईसीसीई की गतिविधियां निरंतर रखी जायेंगी। पोषण पखवाड़ा में भी सार्वजनिक कार्यक्रम, बैठकों को छोड़कर शेष गतिविधि निरंतर रखी जा सकती हैं। अधिकारियों को आंगनबाड़ी केन्द्रों में उपलब्ध चावल व अन्य कच्ची सामग्रियों को खराब होने से बचाने के लिए सुरक्षित भंडारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों में स्वच्छता बनाये रखने, नियमित साफ-सफाई सुनिश्चित करने कहा गया है। साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा ऑनलाईन प्रतिवेदन व अन्य जानकारियों का निरंतर प्रवाह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

स्कूल, कॉलेज, ITI की कक्षाएं बंद
प्रदेश में संचालित हो रहे सभी स्कूल, कॉलेज, ITI संस्थानों को बंद करने का आदेश दे दिया गया है। हालांकि स्कूल-कालेजों में शिक्षकों को पूर्व की भांति आने के का निर्देश दिया गया है। वहीं 10वीं-12वीं की बोर्ड परीक्षाएं भी आफलाइन तरीके से पूर्व की भांति संचालित होगी। माध्यमिक शिक्षा मंडल ने परीक्षा और परीक्षार्थियों को लेकर अलग से गाइडलाइन जारी कर दिया है। परीक्षार्थियों को परीक्षा देने के लिए कहीं बाहर नहीं जाना होगा, वो अपने स्कूल मेंही बोर्ड की परीक्षा देंगे। वहीं स्कूल के प्राचार्य ही परीक्षा के केंद्राध्यक्ष होंगे।