चिरमिरी खदान के पास रहने वालों का होगा व्यवस्थापन….. कोरबा सांसद ज्योत्सना व राजस्व मंत्री जयसिंह की अध्यक्षता में एसईसीएल मुख्यालय में हुई बैठक

बिलासपुर । चिरमिरी और आसपास की कोल खदानों के समीप बसे लोगों की राज्य सरकार ने सुध लेना शुरू कर दिया है। खतरनाक क्षेत्र में रह रहे लोगों को वहां से हटाकर अन्यत्र व्यवस्थापन का निर्णय लिया गया है।

बुधवार को बिलासपुर एसईसीएल मुख्यालय के गेस्ट हाउस में उच्च स्तरीय बैठक हुई। इसमें सांसद ज्योत्सना महंत, राजस्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल, राजस्व सचिव रीता शांडिल्य, मनेंद्रगढ़ चिरमिरी के विधायक डा.विनय जायसवाल, कलेक्टर कोरिया व जशपुर और एसईसीएल के सीएमडी सहित आला अधिकारी शामिल हुए।

दो घंटे चली मैराथन बैठक में सरकार की तरफ से मुद्दा उठाते हुए राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल और सांसद ज्योत्सना महंत ने एसईसीएल से उन जमीन को वापस मांगी है जिसका उपयोग एसईसीएल नहीं कर रहा है या एसईसीएल के लिए अनुपयोगी है।

ऐसी जमीन की पड़ताल करने कमेटी गठन का निर्णय लिया गया है। कमेटी जून तक रिपोर्ट अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इसके बाद जमीन वापसी की प्रक्रिया शासन स्तर पर की जाएगी। इस बीच एसईसीएल प्रबंधन कोयला मंत्रालय से मंजूरी भी लेगा। चिरमिरी में जिन लोगों के घर इसमें प्रभावित हुए हैं, उन्हें भी मुआवजा देने और उनके मकान मरम्मत कराने के निर्देश सरकार ने दिए हैं।

कोरिया कलेक्टर की अध्यक्षता में बनेगी कमेटी

राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने नईदुनिया से चर्चा के दौरान बताया कि कोरिया कलेक्टर की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया जाएगा। विस्तृत सर्वेक्षण के बाद कमेटी को जून में अपनी रिपोर्ट पेश करनी होगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

विधायक जायसवाल ने विधानसभा में उठाया था मामला

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी विधायक डा.जायसवाल ने विधानसभा में मुद्दा उठाया था। तब मुख्यमंत्री ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कार्रवाई की बात कही थी। सीएम के आश्वासन के बाद बुधवार को एसईसीएल मुख्यालय में उच्च स्तरीय बैठक हुई। इसमें निर्णय लिया गया है कि प्रभावित 40 परिवार की व्यवस्थापन किया जाएगा।

इसके बाद उनके आवास की मरम्मत की जाएगी। मरम्मत के बाद वापस उनको उनके घरों में बसाया जाएगा। जो डेंजर जोन में रह रहे हैं उन्हें प्राथमिकता के आधार पर दूसरी जगह व्यवस्थापन किया जाएगा।