घातक हुआ कोरोना:एक ही दिन में 28 मरीजों की गई जान, मौतों में प्रदेश देश में तीसरे स्थान पर, लाॅकडाउन नहीं लेकिन सख्ती बढ़ेगी

भिलाई में कोरोना जांच के लिए इस तरह लापरवाही से खड़ी भीड़।
छत्तीसगढ़ में मंगलवार को हुई 20 कोरोना मौतों की वजह से इस मामले में देश में तीसरे नंबर पर पहुंच गया है। उस दिन देश में छत्तीसगढ़ से ज्यादा मौतें केवल महाराष्ट्र (132) और पंजाब (53) में हुई थीं। पिछले 24 घंटे में प्रदेश में कोरोना से 29 और जानें गई हैं।

इसी के साथ पिछले एक साल में कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या 4011 हो गई है। बुधवार को रायपुर में 573 व प्रदेश में 2106 नए कोरोना मरीज मिले हैं। मार्च के 24 दिन में प्रतिदिन 8 के औसत से डेढ़ सौ से ज्यादा जानें गई हैं। वहीं बैरन बाजार एसबीआई ब्रांच में पदस्थ 11 अधिकारी-कर्मचारी पॉजिटिव मिले हैं।

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कोरोना की दूसरी लहर और मरीजों की बढ़ती संख्या को लेकर कहा कि सरकार अब इस मामले में सावधानी और जांच के मामले में सख्ती बरतेगी। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि लाॅकडाउन अब तक कहीं भी कारगर साबित नहीं हो पाया, इसलिए ऐसा कोई विचार नहीं है। प्रदेश में कोरोना से अब तक 4011 मौतें हो चुकी हैं।

रोजाना 50 हजार जांच और 1 लाख टीके लगाएंगे : सिंहदेव
रायपुर| करीब तीन हफ्ते बाद कोरोना से स्वस्थ होकर मीडिया के सामने आए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बुधवार को कहा कि दूसरी लहर में प्रदेश में लगतार केस बढ़ रहे हैं, लेकिन वे लॉकडाउन के पक्ष में नहीं हैं। पूरी दुनिया में लाॅकडाउन के नतीजे कारगर नहीं साबित हुए, हालांकि इससे रोजगार में कमी और दूसरी सामाजिक चुनौतियां जरूर सामने आ गईं।

उन्होंने कहा कि कोरोना मरीजों की पहचान और जल्द इलाज मुहैया करवाने के लिए रोजाना 50 हजार टेस्ट किए जाएंगे। यही नहीं, अभी करीब 70 हजार टीके लग रहे हैं, जिनकी संख्या बढ़ाकर रोज 1 लाख की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में रायपुर और दुर्ग में ही लगातार मामले बढ़ रहे हैं। बाकी जिलों में इस तरह की स्थिति न बने, इसके लिए कोरोना जांच का मौजूदा लक्ष्य 40 हजार टेस्ट रोजाना को बढ़ाकर 50 हजार प्रतिदिन करने की रणनीति बनाई है। जिन इलाकों में केस ज्यादा निकल रहे हैं, वहां आवाजाही को सीमित करने के विकल्प पर विचार कर रहे हैं, लेकिन यह बहुत सीमित हिस्से में होगा।

मुझे नहीं लगता, मैच इसकी वजह : एक सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में जब क्रिकेट सीरीज के लिए अनुमति दी गई, उस वक्त कोरोना केस नियंत्रित थे। मंजूरी इसलिए दी क्योंकि यहां केस नहीं मिल रहे थे। हालांकि बाद में केस बढ़े लेकिन क्रिकेट मैच को इसकी मुख्य वजह नहीं माना जा सकता है। प्रदेश के बाकी जिलों में भी केस बढ़े हैं, लेकिन वहां तो मैच नहीं हुआ ।