कोरोना की लड़ाई में बच्चें ने बढ़ाया सहयोग का हाथ…. गुल्लक तोड़ पॉकेटमनी की राशि सौंप दी तहसीलदार को….कहा अंकल प्लीज कोरोना को खत्म कर दो

 

लक्ष्मण महंत

 

कोरबा। कोरोना काल में लोगों के कई चेहरे देखने को मिल रहे हैं। एक तरफ कालाबाजारी करने वाले लोग हैं, जो आपदा को अवसर बना रहे हैं लेकिन दूसरी तरफ ऐसे लोग भी हैं, जो संपूर्ण मन और निस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा कर रहे हैं और इंसानियत को आगे रख रहे हैं। इस बार सातवी के एक छात्र ने कच्ची उम्र कोरोना काल मे मानवता की ऐसी नजीर पेश है जिसके सभी कायल है। दर्री इलाके के गोपाल में रहने वाले सतीश जोशी के 12 वर्षीय पुत्र आयुष जोशी सेंट्रल स्कूल – 4 के सातवी का छात्र है। इतनी छोटी उम्र में आयुष लोगो के प्रेरणाश्रोत बन गए है। दरअसल आयुष ने अपनी शौक मारकर पॉकेटमनी को गुल्लक में जमा किया। पिछले एक साल से आयुष लगातार गुल्लक में पैसे जमा करता रहा। उसकी इस बड़ी सोच से मम्मी पापा भी अनजान थे। जब भी आयुष को माता पिता या परिजनों से पैसे मिलते, उसे खर्च करने के बजाए गुल्लक में जमा करता। 30 अप्रैल यानी आज आयुष जोशी का जन्मदिन है। अपने लाडले का birth डे मनाने के लिए पिता सतीश जोशी ने अपने स्तर पर तैयारी कर ली थी। मगर आयुष ने जन्मदिन मनाने से साफ इंकार कर दिया। बल्कि अलमारी में रखे गुल्लक को लेकर पापा के पास आया। उसने अपने पॉकेटमनी को कोरोनाकाल मे जरूरतमंदों की मदद के लिए मुख्यमंत्री राहतकोश में जमा करने की इच्छा जाहिर की। इस कच्ची उम्र में आयुष की बड़ी सोच को सुनकर उसके माता- पिता भी हैरान रह गए। उन्होंने अपने बेटे का पूरा स्पोर्ट किया। आयुष अपनी माँ के साथ दर्री स्थित तहसील कार्यालय पहुचा, और रुपयों से भरा गुल्लक मुख्यमंत्री राहत कोष में रकम जमा कराने तहसीलदार को सौंप दिया। वैश्विक महामारी के इस विपरीत परिस्थिति में 12 वर्षीय आयुष की नेकदिली को देखकर तहसीलदार ने भी उसकी सराहना की