कोरबा – कोरोनाकाल में डीएमएफ के योगदान ने बचाई हजाराें की जान……कोरोना की संभावित तीसरी लहर से भी निपटने पूरी तरह तैयारी

 

कोरबा। एक के बाद एक आई कोरोना संक्रमण की दो लहरों ने जहां पड़ोसी जिलों से लेकर रायपुर-बिलासपुर व दुर्ग तक हालात बेकाबू होने लगे थे, इस मुकाबले में कोरबा शुरू से आखिर तक डटा रहा और कामयाबी भी हासिल की। इस भीषण संकट से कोरबा अगर समय रहते निपट सका, तो उसके पीछे संकट में संजीवनी बने जिला खनिज न्यास (डीएमएफ) के योगदान को झुठलाया नहीं जा सकता। डीएमएफ से मिली महत्वपूर्ण मदद ने हमें इस लंबी लड़ाई में बनाए रखा। दो लहरों को मात दे चुका कोरबा अब कोरोना की संभावित तीसरी लहर से भी निपटने पूरी तरह तैयार और स्वयंसक्षम नजर आ रहा है।

कोरोना संक्रमण से जूझ रहे मरीजों के जीवन की रक्षा के लिए जिले के चिकित्सकों ने पहली पंक्ति के योद्धा बनकर अपनी जान लगा दी। दवाइयों के स्टाक के साथ उनके पास अपने ज्ञान का कौशल तो था, पर इस उद्देश्य में सफलता पूर्वक आगे बढ़ने चिकित्सा उपकरणों की कमी उन्हें चिंतित कर रही थी। जिला खनिज न्यास (डीएमएफ) ने यही चिंता दूर करने महत्वपूर्ण योगदान दिया। डीएमएफ की मदद उन जरूरी जीवन रक्षक उपकरणों की व्यवस्था की जा सकी, जिनकी उस वक्त सबसे ज्यादा जरूरत थी। युवाओं, बुजुर्गों से लेकर पूर्व से ही गंभीर बीमारियों से जूझ रहे कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए इन चिकित्सा उपकरणों की जुगत बहुत आवश्यक मसला था। पहली लहर से मिली सीख के साथ ही उन जरूरी व्यवस्थाओं पर केंद्रित करते हुए प्रयास शुरू कर दिए गए, जिसे डीएमएफ से सफल बनाया जा सका। इस तरह कोविड अस्पतालों, कोविड केयर एवं आइसोलेशन सेंटरों के गंभीर संक्रमित मरीजों की गंभीरता से देखरेख से लेकर होम आइसोलेशन में रह रहे सामान्य मरीजों के सतत परीक्षण के लिए अनेक मशीनों की व्यवस्था समय रहते की जा सकी। यही वजह है जो कोरबा प्रदेश के दूसरे जिलों के मुकाबले कोरोना के वायरस को हराने सबसे अधिक तैयार दिखाई दिया।

दस-दस वेंटिलेटर, आइसीयू बेड, 50 एनआइवी
डीएमएफ मद से जिले में कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के कारण कोविड अस्पताल, कोविड केयर सेंटर एवं आइसोलेशन केंद्रों में भर्ती रहे मरीजों के लिए उपचार के लिए अनेक संसाधन एवं सुविधाओं की जुगत कर त्वरित उपाय किए गए। खासकर गंभीर मरीजों के उपचार एवं जीवन रक्षा को ध्यान में रखते हुए वेंटिलेटर, आइसीयू बेड, एनआइवी (नान इंवेंसिव वेंटिलेटर) की व्यवस्था की गई। इन मशीनों एवं उपकरणों में दस वेंटिलेटर, दस आइसीयू बेड, 50 एनआइवी शामिल हैं। इसी तरह कोविड मरीजों के उपचार एवं जीवन रक्षा को दृष्टिगत रखते हुए एक सीबीसी मशीन, दो पोर्टेबल एक्स-रे क्रय किए गए।

गर्म पेयजल की सुलभता, मरीजों की सुरक्षा
इसी तरह इन केंद्रों व अस्पतालों में भर्ती हो इलाज करा रहे मरीजों को गर्म पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने दस हाट वाटर कूलर, छह हाट वाटर डिस्पेंसर की व्यवस्था की गई। केंद्रों व अस्पतालों में सुरक्षा के लिए एक सीओटू फायर इंस्टि्ग्यूसर, 30 नार्मल हास्पिटल बेड मैट्रस एवं एक नग 120 केवी डीजी सेट लिया गया। जीवन हार जाने वाले संक्रमित मरीजों शव के उचित रख-रखाव के लिए पांच डेथ बाडी फ्रीजर क्रय किए गए

14 एयर कंडिशनर व 200 इंडस्ट्रीयल कूलर
इसी तरह स्याहीमुड़ी सीपेट में बनाए गए आइसोलेशन सेंटर, जिला कोविड अस्पताल एवं ईएसआइसी कोविड हास्पिटल में इंस्टालेशन सहित एयर कंडिशनर व कूलर व्यवस्था की गई, जिसके लिए 14 नग एयर कंडिशनर व 200 इंडस्ट्रीयल कूलर क्रय किए गए। इसी तरह होम आइसोलेशन पर रह रहे सिम्टोमेटिक, माइल्ड सिम्टोमेटिक मरीजों की सेहत का सतत आंकलन-परीक्षण करने तीन हजार पल्स आक्सीमीटर, तीन हजार डिजिटल थर्मामीटर व 500 नग थर्मल स्केनर की व्यवस्था की गई।

गंभीर मरीजों के लिए आक्सीजनयुक्त 250 बेड
कोविड अस्पतालों एवं आइसोलेशन सेंटरों में भर्ती होने वाले गंभीर मरीजों के उपचार एवं जीवन रक्षा के लिए 50 आक्सीजन कंसंट्रेटर की व्यवस्था की जा सकी। इसी तरह कोविड अस्पताल, कोविड आइसोलेशन सेंटर सीपेट स्याहीमुड़ी में 250 आक्सीजन युक्त बेड तैयार करने 250 आक्सीजन पाइप लाइन व अन्य आवश्यक कार्य किए जा सके। इसके अलावा कोविड अस्पतालों व आइसोलेशन सेंटरों में भर्ती गंभीर मरीजों के उपचार के लिए मेट्रेस सहित 100 नग नार्मल हास्पिटल बेड की व्यवस्था भी की गई।

बच्चों के लिए अपग्रेड पीडियाट्रिक आइसीयू

तीसरी लहर के दौरान विशेषज्ञों ने बच्चों के संक्रमित होने की भी संभावना जताई है। इसे ध्यान में रखते हुए जिले में विशेष व्यवस्थाएं की गईं हैं। ईएसआइसी विशेष कोविड अस्पताल में पीडियाट्रिक आइसीयू बनाया गया है। इस छह बिस्तर के विशेष आइसीयू वार्ड में गंभीर बच्चों के इलाज के लिए वेंटीलेटर की भी सुविधा होगी, जिन्हें बच्चों के इलाज के अनुसार अपग्रेड किया गया है। पीडियाट्रिक एनआइव्ही मास्क, वेंटिलेटर सर्किट से लेकर आक्सीजन रिलेटेड कंज्यूमेबल सहित सभी दूसरे सहायक उपकरणों की भी व्यवस्था कर ली गई है।

प्रतिदिन 5138 क्यूएम मेडिकल आक्सीजन
सीएमएचओ डा बीबी बोर्डे ने बताया कि निजी व शासकीय कोविड अस्पतालों में मरीजों के लिए जिले में डेढ़ हजार बिस्तरों की व्यवस्था है। इनमें 600 आक्सीजन युक्त हैं। 37 वेंटिलेटर और 22 एनआइवी भी मरीजों के इलाज के लिए मौजूद हैं। जिले में प्रतिदिन पांच हजार 138 क्यूबिक मीटर मेडिकल आक्सीजन भी उपलब्ध है। कोविड संक्रमण की तीसरी लहर से बनने वाली किसी भी संभावित विपरित परिस्थिति से निपटने के लिए प्रशासन एवं कोविड अस्पताल पूरी तरह तैयार हैं।