कटघोरा में गर्भवती हाथी ने बांधापारा जंगल में दिया शावक को जन्म

 कटघोरा वनमंडल में मौजूद हाथियों के 

दल में एक नन्हा मेहमान आया है। बीती रात यहां के एतमानगर रेंज के बांधापारा बीट में एक मादा हाथी ने शावक को जन्म दिया। जानकारी मिलते ही वन विभाग का अमला जंगल पहुंचकर नवजात शावक व उसकी मां की निगरानी में जुटा हुआ है। जानकारी के अनुसार एतमानगर रेंज के बांधापारा-रिंगनिया जंगल में 37 हाथियों का दल कुछ दिनों से विचरणरत है। इस दल में एक गर्भवती मादा हाथी भी शामिल थी, जिसने बीती रात शावक को जन्म दिया। मादा हाथी व उसके नवजात शावक को आज सुबह जंगल के कक्ष क्रमांक 515 में देखा गया और इसकी सूचना रेंजर शहादत खान व वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई। जिस पर अधिकारियों के निर्देश पर वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी जंगल पहुंचकर शावक व उसको जन्म देने वाले मादा हाथी की निगरानी कर रहे हैं। इससे पहले हाथियों के दल से एक दंतैल अलग होकर बस्ती में घुस गया था और उसने उत्पात मचाते हुए गोविंद वल्द इतवार नामक एक ग्रामीण के घर को ध्वस्त कर दिया। पीडि़त व्यक्ति ने इसकी सूचना वन विभाग को दी। जिस पर कर्मी मौके पर पहुंचे और दंतैल द्वारा किये गए नुकसानी का सर्वे किया।
तनेरा व सुखरीताल में दंतैल ने तोड़े चार मकान
उधर केंदई रेंज के फुलसर में गुरुवार को उत्पात मचाकर दो घरों को निशाना बनाने वाले दो दंतैल हाथी बीती रात आगे बढ़कर पसान रेंज की सीमा में प्रवेश कर गए और जल्के सर्किल के ग्राम तनेरा व सुखरीताल में जमकर उत्पात मचाया। इस दौरान दंतैल हाथियों ने चार ग्रामीणों के मकान तोड़ दिए। इतना ही नहीं खेतों में पहुंचकर धान की फसलों को भी तहस-नहस कर दिया। हाथियों के गांव में घुसने व उत्पात मचाए जाने की जानकारी ग्रामीणों द्वारा रात में दिए जाने पर वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी हाथी मित्रदल के सदस्यों व हुल्ला पार्टी के साथ मौके पर पहुंचे और उत्पात मचा रहे हाथियों को खदेडऩे की कार्यवाही की। वन विभाग द्वारा खदेड़े जाने पर हाथियों ने जंगल का रूख किया तब ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। आज सुबह नुकसानी का सर्वे किया गया और इसकी रिपोर्ट अधिकारियों को सौंपी गई। पसान रेंजर धर्मेन्द्र चौहान ने बताया कि वन्य प्राणी द्वारा जन-धन की हानि किये जाने पर वन विभाग द्वारा क्षतिपूर्ति राशि दिए जाने का प्रावधान है। सो प्रकरण बनाकर उच्चाधिकारियों के पास प्रेषित किया जाएगा।