कटघोरा – कई लोगों को ठगने वाला शातिर ठग खुद हो गया ठगी का शिकार

कटघोरा । दर्जनों ठगी की घटनाओं को अंजाम देकर करोड़ों रूपए ठगने वाले शंकर रजक खुद ठगी का शिकार हो गया है। जेल में वह बंद था तब छुरी में रहने वाले एक व्यक्ति अपने दो बेटों के साथ मिलकर रजक की मां से बोलेरों की चाबी ले ली और पीपी फार्म में फर्जी हस्ताक्षर कर उसे बेच दिया।

कटघोरा के हुंकरा में रहने वाला शंकर रजक और छुरी निवासी शत्रुहन लाल देवांगन के बीच गहरी दोस्ती थी। करीब चार साल पहले शंकर के खिलाफ जमीन बेचने के नाम पर ठगी किए जाने के नाम से सिलसिले वार मामले सामने आने शुरू हुए। जिले में ही नहीं बल्कि राज्य के अन्य जिलों में भी एक दर्जन से अधिक धोखाधड़ी के मामले शंकर व उसके पुत्र के खिलाफ दर्ज किए गए। पुलिस ने दोनों को जेल दाखिल कर दिया था। बताया जा रहा है कि इस बीच शत्रुहन उसका पुत्र आकाश देवांगन व कमल देवांगन शंकर के घर पहुंचे और उसकी मां मुलरिया बाई को गुमाराह कर बोलेरो क्रमांक सीजी 12 एजी 8997 की चाबी प्राप्त कर ली। जेल से छूटने के बाद शंकर रजक शत्रुहन से बोलेरो की जानकारी ली तो पुराना पैसे की लेन देन का हवाला देते हुए गाड़ी बेच देने की बात कही। शंकर को यह जानकारी हाथ लगी कि उसका फर्जी हस्तारक्षर कर गाड़ी का रजिस्ट्रेशन करा दिया गया है। उसने परिवहन विभाग से आरटीआई के तहत दस्तावेज निकालकर कटघोरा थाने में प्रमाण सहित शिकायत की। पुलिस शत्रुहन व उसके दोनों पुत्रों के खिलाफ मामला पंजीबद्ध कर लिया है। पुलिस का कहना है कि बेच दी गई बोलेरो की भी जब्ती की कार्रवाई की जाएगी।

मिस्त्री पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज

उधर कोतवाली में सीतामढ़ी में रहने वाल सैटरिंग मिस्त्री कन्हैया दास महंत से कुसमुंडा में रहने वाले राजमिस्त्री बिहारी लाल राजवाड़े सैटरिंग प्लेट लेकर गया था। उसने वायदा किया था कि कुछ दिन बाद वापस लौटा देगा। पर उसने ऐसा नहीं किया और कहीं अन्य जगह बेच दिया। कोतवाली पुलिस ने आरोपित मिस्त्री के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।