एनकेएच ने स्व. डॉ. वाधवानी का सपना किया पूरा 0 25 बेड जरूरतमंदों के नाम 0 कार्डहीन गरीबों को नि:शुल्क उपचार की सुविधा देना होगा सिर्फ दवा का खर्च 0 शहर के वरिष्ठ चिकित्सको के हाथों होगा शुभारंभ

कोरबा। एनकेएच परिवार ने चिकित्सा गुरु के नाम से प्रख्यात स्व. डॉ. जीएल वाधवानी को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करने उनके सम्मान में 25 बेड जरूरतमंदों के नाम किए है। एनकेएच परिवार ने स्व. वाधवानी के सपनों को साकार किया है।
अविभाजित मध्यप्रदेश में बिलासपुर जिले के समय से ही कोरबा में चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. जीएल वाधवानी का सेवा ही मूल मंत्र था। इस मूलमंत्र को आधार मानकर एनकेएच के डायरेक्टर डॉ. एस. चंदानी ने अस्पताल में एक नई व्यवस्था प्रारंभ की है। डॉ. वाधवानी की स्मृति में गरीबों के लिए 25 बिस्तर यहां आरक्षित किए गए हैं। इनमें 20 बिस्तर जरूरतमंद, मध्यम व गरीब परिवार के मरीजों के लिए रखे गए हैं, जिनसे नाममात्र शुल्क लेकर उनका समुचित इलाज किया जाएगा। अस्पताल में भर्ती मरीजों से बेड शुल्क मात्र 500 रुपये ही लिया जायेगा। इन्हें चिकित्सा सेवाओं में भी रियायत देने का निर्णय लिया गया है। इसी तरह 5 बिस्तर ऐसे मरीजों के लिए आरक्षित रहेंगे, जो शासन की योजनाओं के तहत बीमारी का उपचार कराने के लिए किसी भी तरह की कार्ड संबंधी और दस्तावेजी खानापूर्ति कर सकने में असक्षम हैं और उनके पास इलाज कराने के लिए पैसे भी नहीं हैं। इनसे सिर्फ दवाइयों का ही शुल्क लिया जाएगा। चिकित्सा से लेकर परामर्श और विभिन्न प्रकार की आवश्यक जांच की सुविधा भी इन्हें नि:शुल्क प्रदान की जाएगी, जिसका शुभारंभ गुरुवार डॉक्टर्स डे के दिन दोपहर 1.00 बजे जिले के वरिष्ठ चिकित्सको के हाथों किया जायेगा। इसके अलावा जिले के वरिष्ठ चिकित्सकों का भी सम्मान करने का निर्णय लिया गया है।

0 मेरे आदर्श और चिकित्सा गुरु-डॉ. चंदानी
एनकेएच के डायरेक्टर डॉ. एस. चंदानी ने बताया कि स्व. डॉ. वाधवानी के कार्यों से वे हमेशा प्रभावित रहे हैं, उन्हें अपना चिकित्सा गुरु मानते हैं। उनके ही मार्गदर्शन में उन्होंने अपने चिकित्सकीय कार्य को आगे बढ़ाया और इस मुकाम तक पहुंचाया है। डॉ. चंदानी बताते हैं कि उन्होंने भी गरीबी को काफी नजदीक से देखा और उन हालातों में भी जिया है। वे इस बात को भली-भांति जानते हैं कि किसी गरीब के लिए आपात परिस्थितियों में इलाज करा पाना कितना मुश्किल होता है। उनकी पीड़ा को जानकर, समझकर आज जब वे इस लायक हुए हैं तो गरीबों के प्रति सेवा की भावना उनके मन में आई हैं। डॉ. वाधवानी के नाम से अभी 25 बिस्तर जरूरतमंदों के लिए आरक्षित रखा है। इनमें से 5 बेड अत्यधिक जरूरतमंदों के लिए हैं। इसे आने वाले दिनों में 10 तक करने की योजना है। अत्यधिक गरीब मरीज को डॉ. वाधवानी के नाम से नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाएगी। इस तरह से एनकेएच परिवार उनको अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने का एक प्रयास कर रहा है। उनके बताए रास्तों, उनके पदचिन्हों पर चल कर सेवापूर्ण चिकित्सा एनकेएच परिवार हमेशा करता रहेगा।

0 नेक मकसद से मिलती है मंजिल
इंसान के जीवन में ऐसे कई अवसर आते हैं जो उसे भीतर से इतना झकझोर देती है कि वह अपने साथ-साथ समाज में बदलाव लाने का दृढ़ निश्चय कर लेता है। इसके लिए आवश्यक होता है संसाधन के साथ ही साथ आर्थिक सुदृढ़ता, प्रबल इच्छाशक्ति लेकिन इन सबके आभाव के बावजूद अपने मिशन में कामयाबी का लक्ष्य लेकर नेक मकसद के साथ अपनी मंजिल की ओर अग्रसर होते हैं। ऐसे ही अनेक विपरीत परिस्थितियों से लड़कर बदलाव लाने का जज्बा डॉ. एस चंदानी में रहा है, जिन्होंने जिले की स्वास्थ्य सुविधा में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के अलावा पड़ोसी जिले सहित जमनीपाली में भी मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल स्थापित कर एक नए अध्याय की शुरुआत की।

0 गरीबों के लिए चेरिटेबल ट्रस्ट
गरीबी को काफी नजदीक से देखने वाले डॉ. चंदानी उनके दर्द को भी भली भांति समझते हैं, इसीलिए वर्ष 2009 से वे गरीबों के लिए एक चेरिटेबल ट्रस्ट सह अस्तित्व मानव सेवा संस्थान के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर, असहाय मरीजों को मुफ्त व रियायती दरों पर इलाज मुहैया कराया जा रहा है। कुछ समय पूर्व कोरबा में भारी बारिश के दौरान बाढ़ से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया था। इसी दौरान एनकेएच ने इस आपदा की घड़ी में बालको में विशाल राहत शिविर लगाकर पीडि़तों को मुफ्त इलाज व भोजन सामग्रियों की व्यवस्था करने का बीड़ा उठाया था। अपनी पूरी सफलता का श्रेय अपने परिवार के सहयोग तथा जनता के प्यार एवं विश्वास को देते हैं, परंतु अपनी इस विशाल सफलता को भी वे अभी पूर्ण नहीं मानते। उनका यह ध्येय एवं दृष्टिकोण है कि आने वाले वर्षों में कैंसर, हृदय की गम्भीर समस्याएं, किडनी संबंधित गहन बीमारियों का उपचार भी न्यू कोरबा हॉस्पिटल में ही संभव करा पाएं, ताकि लोगों को मजबूरीवश बड़े शहरों का रुख न करना पड़े। वे मानते हैं तभी उनकी सफलता पूर्ण होगी। सह अस्तित्व मानव सेवा संस्थान स्वास्थ्य के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में अपनी सेवाएं देने के लिए संकल्पित है। इसी कड़ी में बालिका गृह की एक बालिका जिसका कक्षा बारहवीं तक की पढ़ाई का पूरा खर्च संस्था उठा रही है। गर्मी के समय संस्था की ओर से जगह-जगह शुद्ध पेयजल की नि:शुल्क व्यवस्था की जाती है। कड़कड़ाती ठंड में जरुरतमंदों को कंबल वितरण किया जाता है। डॉ. चंदानी ने कहा की समाज के प्रति अपनी भागीदारी सुनिश्चित करना हम सभी की जिम्मेदारी है। 11 वर्ष पहले इस मिशन की शुरुआत की गयी थी। इन सेवा कार्यों से जो आत्म संतुष्टि मिलती है, वह धन दौलत शोहरत इन सभी से ऊपर उठकर है।

0 प्रेरणा बनी वंदना चंदानी
यह कालजयी सत्य है कि हर महान उद्देश्य की प्राप्ति में महिला की भागीदारी सुनिश्चित होती है। एनकेएच आज पूरे क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान रखता है। इसके पीछे निश्चित तौर पर इस समूह के निदेशक डॉ. एस. चंदानी की धर्मपत्नी डॉ. वंदना चंदानी का भरपूर सहयोग और साथ रहा है। हर कदम पर उनका सहयोग और मार्गदर्शन मिलता रहा है, जिससे एनकेएच ग्रुप आज अपनी विशेष पहचान बनाने में सफल रहा।