अवैध बालगृह से मुक्त कराए गए 20 बच्चे:भिलाई में 20 दिन पहले संस्था खोली, फिर नवा रायपुर में बनाया अनाथ आश्रम; ज्यादातर MP के वे बच्चे, जो कोरोना के कारण अनाथ हुए

 

विभाग की ओर से इस संबंध में राखी थाने में कार्रवाई की जा रही है। बच्चों के लिए बनाए गए अनाथ आश्रम में कर्मचारी भी नहीं थे।

छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में संचालित अवैध बालगृह से शनिवार को 20 बच्चों को मुक्त कराया गया है। मुक्त कराए गए ज्यादातर बच्चे मध्य प्रदेश के मंडला के रहने वाले हैं। बताया जा रहा है कि कई बच्चों के माता-पिता की कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है। खास बात यह है कि जिस संस्था से इन बच्चों को मुक्त कराया गया है, उसे महज 20 दिन पहले ही शुरू किया गया था। ऐसे में बाल तस्करी की भी आशंका जताई जा रही है।

भिलाई के रिसाली की लाइफ शो फाउंडेशन ने राखी क्षेत्र के सेक्टर-29 में अवैध रूप से एक मकान में अनाथ आश्रम का बैनर लगाकर बच्चों को रखा था।
भिलाई के रिसाली की लाइफ शो फाउंडेशन ने राखी क्षेत्र के सेक्टर-29 में अवैध रूप से एक मकान में अनाथ आश्रम का बैनर लगाकर बच्चों को रखा था।
महिला एवं बाल विकास विभाग के अफसरों को सूचना मिली कि भिलाई के रिसाली की लाइफ शो फाउंडेशन यहां राखी क्षेत्र के सेक्टर-29 में अवैध रूप से बाल गृह का संचालन कर रही है। इस पर टीम ने मौके पर छापा मारा तो एक मकान में ये बच्चे मिले। इस मकान के सामने अनाथ आश्रम का बैनर लगाकर बच्चों को रखा गया था। दस्तावेजों की जांच में पता चला कि नियमों के अनुसार बालगृह का संचालन नहीं हो रहा था। सभी बच्चों को यहां अवैध रूप से रखा गया था।

नियमानुसार, लड़के और लड़कियों को अलग-अलग न कर एक साथ एक कमरे में रखा गया था। जमीन पर गद्दा डालकर सुलाया जा रहा था।
नियमानुसार, लड़के और लड़कियों को अलग-अलग न कर एक साथ एक कमरे में रखा गया था। जमीन पर गद्दा डालकर सुलाया जा रहा था।
बच्चों को रखने की जानकारी किसी सरकारी संस्था को नहीं
यह भी सामने आया कि जिन बच्चों को संस्था में रखा गया था, उनके संबंध में चाइल्ड लाइन (1098), पुलिस, सखी सेंटर (181), बाल संरक्षण इकाई या बाल कल्याण समिति (CWC) को किसी तरह की कोई सूचना तक नहीं दी गई थी। जबकि, बच्चा मिलने के 24 घंटे के अंदर ऐसी जानकारी देना जरूरी होता है। पूछताछ में यह भी पता चला कि संस्था महज 20 दिन से ही संचालित हो रही है। नियमानुसार, लड़के और लड़कियों को अलग-अलग न कर एक साथ, एक ही कमरे में रखा गया था। उन सभी को जमीन पर गद्दा डालकर सुलाया जा रहा था।

संस्था में मिले बच्चे, जिनके संबंध में चाइल्ड लाइन (1098), पुलिस, सखी सेंटर (181), बाल संरक्षण इकाई या बाल कल्याण समिति (CWC) को कोई सूचना नहीं दी गई।
संस्था में मिले बच्चे, जिनके संबंध में चाइल्ड लाइन (1098), पुलिस, सखी सेंटर (181), बाल संरक्षण इकाई या बाल कल्याण समिति (CWC) को कोई सूचना नहीं दी गई।
CWC में पेश करके बच्चों को अलग-अलग गृह भेजा गया
विभाग की ओर से इस संबंध में राखी थाने में कार्रवाई की जा रही है। बच्चों के लिए बनाए गए अनाथ आश्रम में कर्मचारी भी नहीं थे। वहां केवल एक रसोइया था। बताया जा रहा है कि ज्यादातर बच्चे मध्य प्रदेश के मंडला के रहने वाले हैं। फिलहाल इस संबंध में और जानकारी जुटाई जा रही है। बरामद बच्चों में 10 लड़के और 10 लड़कियां बताए जा रहे हैं। बच्चों को माना स्थित CWC में पेश कर लड़कों को बाल गृह और लड़कियों को LOS गृह में भेजा गया है।