अयांश को लॉटरी से फ्री मिला 16 करोड़ का इंजेक्शन:SMA से ग्रसित बिलासपुर के 6 महीने के मासूम को मिलेगी नई जिंदगी; स्विट्जरलैंड की कंपनी बनाती है इंजेक्शन

दुर्लभ बीमारी SMA से ग्रसित अयांश।
6 महीने के आयांश को नई जिंदगी मिलने जा रही है। नोवार्टिस की ओर से आयोजित लॉटरी सिस्टम में नाम आने के बाद अब SMA से ग्रसित अयांश को बेंगलुरु के एक अस्पताल में 16 करोड़ रुपए की ‘क्रांतिकारी’ जीन थेरेपी फ्री में मिलने वाली है। अयांश बचपन से ही इस दुर्लभ बीमारी से ग्रसित है।

लॉटरी के जरिए कंपनी चुनती है दुनिया भर से 100 लोगों का नाम
राजकिशोर नगर में रहने वाले व्यवसायी अंचल और आशु का 6 महीने का बेटा अयांश अपने जन्म के दूसरे महीने से ही दुर्लभ बीमारी SMA (स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी) से ग्रसित है। इस बीमारी में खाने-पीने, पैर उठाने और शरीर की दूसरी गतिविधियां करने में समस्या होती है। इस बीमारी के इलाज के तौर पर जोल्जेंसमा इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है, जो स्विटजरलैंड की कम्पनी नोवार्टिस तैयार करती है। कंपनी इसे 16 करोड़ रुपए में बेचती है। अब यह इंजेक्शन अयांश को फ्री में मिलेगा। दरअसल, कंपनी हर साल इस दुर्लभ बीमारी से पीड़ित दुनिया भर के 100 लोगों को फ्री में यह इंजेक्शन प्रोवाइड करती है। इसके लिए कंपनी लॉटरी सिस्टम निकालती है जिसमे इस बार उन 100 लोगों में अयांश का भी नाम है।

ऐसे पता चला बीमारी का
मासूम के पिता अंचल बताते है कि, मालिश करने या टीका लगने के दौरान अयांश को उस दर्द का अहसास तो होता था पर उसके शरीर में इतनी ताकत नहीं थी कि मूवमेंट कर पाए। तभी उन्हें संदेह हुआ कि आयांश में कोई कमी है। पहले तो उन्होंने शहर के अपोलो में अस्पताल में डॉ. सुशील कुमार से इसकी जांच कराई, फिर बैंग्लुरू के एक बड़े अस्पताल भी बच्चे का चेकअप करवाया। दोनों अस्पतालों में जांच के दौरान आई रिपोर्ट में यह स्पष्ट हो गया कि उसे स्पाइलनल मर्स्कुलर एस्ट्रोफी है। उसका इलाज बैंग्लुरू में ही चलता रहा। वहां के डाक्टर्स ने साफ कर दिया कि जब तक उसे 16 करोड़ रुपए का वह इंजेक्शन नहीं लगेगा, ऐसे ही रहेगा।

इसके बाद से अब तक मां-पिता परिजन, दोस्त और समाज के लोग बच्चे की जिंदगी के लिए हर तरह से प्रयास करने में लगे हैं। फिलहाल परिवार इस स्थिति में नहीं पहुंचा है कि वे बच्चे का इलाज करवा सके। उसे नई जिंदगी दे सके। सभी सरकार और समाज से मदद की गुहार लगा रहे थे। इस दौरान उन्हें लोगों से आर्थिक मदद के तौर पर केवल लगभग 2 लाख रुपए ही मिल पाए थे। इसी दौरान बैंग्लुरू के अस्पताल ने उनसे नोवार्टिस कंपनी की लाटरी में भाग लेने कहा। पिता ने एक फार्म भरकर कंपनी में भेज दिया और अयांश का नाम लाटरी में आ गया। अब आशा की नई किरण उनके सामने आई है।

अभी नहीं लग पाएगा इंजेक्शन
पिता ने बताया कि अयांश को निमोनिया हो गया हैं। बैंग्लुरू में फिलहाल उसे आईसीयू में भर्ती कराया गया है। एक बार पूरी तरह से जब वह स्वस्थ हो जाएगा तो उसे इंजेक्शन लगा दिया जाएगा। कंपनी से अस्पताल प्रबंधन ने बात कर ली है और वह इंजेक्शन भेजने के लिए भी राजी हो गई है। इंजेक्शन जैसे ही अस्पताल को मिलेगा। अयांश की स्थिति देखकर उसे लगा दिया जाएगा।