भारत में नई टेक्नोलॉजी अपनाने की गति बढ़ाने और दक्षिण एशिया को मजबूत बनाते हुए वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ तालमेल बिठाने के इरादों के साथ गुरुवार से इंडिया इकोनॉमिक समिट (आइईसी) की शुरुआत होगी। समिट में करीब 40 देशों के 800 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। केंद्र सरकार के चार वरिष्ठ मंत्रियों के अलावा कई वरिष्ठ अधिकारी भी इस मंथन का हिस्सा बनेंगे। सम्मेलन में दुनिया के कई बड़े बिजनेस लीडर हिस्सा ले रहे हैं। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा भी इस दो दिवसीय सम्मेलन का हिस्सा होंगी।
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की तरफ से आयोजित 33वीं इंडिया इकोनॉमिक समिट का इस बार का थीम ‘इनोवेटिंग फॉर इंडिया : स्ट्रेंथनिंग साउथ एशिया, इंपैक्टिंग वर्ल्ड’ रखा गया है। समिट में भारत की तरफ से भाग लेने वाले मंत्रियों में विदेश मंत्री एस. जयशंकर, सड़क परिवहन व राजमार्ग व एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी, वाणिज्य व उद्योग और रेलमंत्री पीयूष गोयल और पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस व इस्पात मंत्री धर्मेद्र प्रधान शामिल हैं। समिट भारत को विदेशी निवेश का आकर्षक गंतव्य बनाने में भी मददगार साबित होगी।
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के एक बयान के मुताबिक इस सम्मेलन में निजी और सरकारी क्षेत्र के प्रतिनिधि, शैक्षणिक क्षेत्र और सिविल सोसाइटी से जुड़े लोग साउथ एशिया में चौथी औद्योगिक क्रांति से निकली टेक्नोलॉजी को अपनाने की रफ्तार को तेज करने पर विचार विमर्श करेंगे। समिट में हिस्सा लेने वाले प्रतिनिधियों में बड़ी संख्या में स्टार्टअप, इनोवेटिव पॉलिसी मेकर और टेक्नोलॉजी पर फोकस वाले क्षेत्रों की भागीदारी होगी।
समिट के लिए तैयार कार्यक्रम में विविध विषय शामिल किए गए हैं। इनमें साउथ एशिया इकोनॉमिक आउटलुक, इमर्जिग टेक्नोलॉजीज, भारत में पर्यावरणीय सुधार, इन्फ्रास्ट्रक्चर, जेंडर पैरिटी, स्टार्ट अप यूनिकॉर्न्स, एजुकेशन एंड स्किल जैसे विषय शामिल हैं। समिट की सह अध्यक्षता शेख हसीना, अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइज की एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसीडेंट शोभना कामिनेनी, सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री हेंग स्वी केट, सेकियो कैपिटल इंडिया के प्रबंध निदेशक शैलेंद्र सिंह और टेनिस स्टार सानिया मिर्जा करेंगे।