पुलिस हिरासत में मौत का मामला – मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में पंचनामा, जिला अस्पताल में डॉक्टरों की विशेष टीम ने किया पोस्टमार्टम

 

 

कोरबा। 31 जुलाई 2021- पुलिस हिरासत में  हंसाराम राठिया की तबीयत बिगड़ने के बाद इलाज के दौरान अस्पताल में हुई मौत के मामले में आज मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में शव का पंचनामा किया गया और जिला अस्पताल के डॉक्टरों की विशेष टीम द्वारा पोस्टमार्टम किया गया। इस दौरान जिला अस्पताल में सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस के आला अधिकारियों सहित पुलिस बल तैनात थे।

श्यांग थाना क्षेत्र के ग्राम अलोंग निवासी हंसाराम पर 2015 में मारपीट, गाली गलौज और धमकी देने का आरोप था। उसके खिलाफ करतला थाना में आईपीसी की धारा 295, 323 और 506 के तहत अपराध दर्ज किया गया था। कोर्ट से बेल पर रिहा होने के बाद वह लापता हो गया था। केस की सुनवाई के दौरान कोर्ट में उपस्थित नहीं होने की वजह से उसके खिलाफ कोर्ट ने स्थाई गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। इसी के आधार पर करतला थाना पुलिस ने गुरुवार की रात हंसाराम को गिरफ्तार किया था और उसे लेकर रात करीब 11 बजे पुलिस करतला थाना पहुंची थी। रात भर हंसाराम को थाना में रखा गया था। शुक्रवार की सुबह उसकी तबीयत खराब हो गई तब उसे करतला का सरकारी अस्पताल पहुंचाया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी।

पुलिस हिरासत में हंसाराम की मौत की खबर मिलते ही थाने के स्टाफ घबरा गए। घटना की सूचना पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को दी गयी। सूचना पर एसपी भोजराम पटेल और एएसपी कीर्तन राठौर करतला थाना पहुंचे थे।

हंसाराम की मौत पुलिस कस्टडी में होने की वजह से राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप शव की पंचनामा कार्यवाई और पोस्टमार्टम की प्रक्रिया न्यायिक दंडाधिकारी और चिकित्सीय टीम के द्वारा कराया जाना सुनिश्चित की गई है। इसीलिए मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में शव का पंचनामा किया गया और जिला अस्पताल की डॉक्टर की विशेष टीम द्वारा पोस्टमार्टम किया गया। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारण स्पष्ट हो पाएगा।

मृतक हंसाराम की मां की माने तो जब घर में कोई नहीं था तब उसके बेटे को पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया था। मां ने बताया की हंसाराम की तबीयत 10 दिन पहले से खराब थी। वही एसपी कीर्तन राठौर ने मीडिया को बताया कि न्यायालय में पेश करने से पहले उसकी तबीयत खराब होने की बात आरोपी ने की जिसके आधार पर उसे अस्पताल में भर्ती किया गया था जहां डॉक्टरों ने हंसाराम के शरीर मे खून की कमी, ब्लड प्रेशर लो होने के साथ-साथ उसे पीलिया की बीमारी से ग्रसित भी बताया था। जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई।

पुलिस चाहे जो भी वजह बताएं लेकिन हिरासत में बंदी की मौत को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। मसलन हंसाराम की मां के अनुसार उसे 10 दिन पहले से बीमारी थी तो पुलिस ने गिरफ्तारी में इतनी तत्परता क्यों दिखाई। गिरफ्तारी कर भी ली तो रात में ही अस्पताल में भर्ती क्यों नहीं किया गया। रात में पुलिस ने हंसाराम को थाना में भोजन कराया या नहीं। थानेदार ने उसकी सेहत से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया क्यों नहीं?