कोरबा – जिस पैर के काटने की थी नौबत, उसी पर चलकर खुश हुआ गुड्डू……नाउम्मीद मरीज को स्थायी अपंगता से बचाया एनकेएच

कोरबा। असहनीय दर्द और एक्सीडेंट से मिला जख्म लिए अस्पताल पहुंचे गुड्डू और परिजनों के लिए एक ही विकल्प था कि उसका पैर काट कर ही तकलीफ से छुटकारा मिल सकता है। नाउम्मीदी के साथ एनकेएच में ईलाज कराने आया गुड्डू अपने उसी पैर से चलकर गया जिसे कुछ माह पहले काटने की नौबत थी।

दरअसल ग्राम तुमान निवासी गुड्डूराम सोनी (43 वर्ष) बताते है कि 20 जनवरी 2021 को ट्रक हादसे का शिकार हो गया। हादसे में उसके बाएं पैर में गंभीर चोट आई। बाएं पैर की हड्डी पूरी तरह से ऊपर व नीचे से टूट चुकी थी। तत्काल नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। पैर का ऑपरेशन कर रॉड लगाया गया परंतु कुछ समय पश्चात् घाव पक गया और दर्द होने लगा। फिर किसी अन्य अस्पताल गया। जहां रॉड को निकाल दिया गया परंतु घाव ठीक नहीं हुआ। इसके बाद मैं इतना निराश हो गया था कि मेरे पैर कटवाने का विकल्प ही नजर आ रहा था। फिर मेरे परिजन न्यू कोरबा हॉस्पिटल लेकर आए और परामर्श के दौरान गुड्डू ने डॉक्टर से पैर काट देने का आग्रह किया। चिकित्सा परीक्षण के बाद एनकेएच के ऑर्थोपेडिक टीम ने गुड्डू व परिजनों को समझाया कि पैर काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी। एनकेएच के अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ.एस चंदानी ने इलाज प्रारंभ किया। अक्टूबर 2021 में जब मरीज एनकेएच कोरबा आया था तब उसके पैर की हालत बहुत ही ज्यादा खराब थी। ऐसा घाव जो की बिलकुल भी ठीक नही हो सकता है,की समस्या थी। गुड्डू के परिजनों को सारी बात समझाने के बाद पैर में एलआरएस फिक्सेटर लगाया गया और कुछ माह बाद उसे निकाला गया। और घर में रहने की सलाह दी गई।
इसके 6 महीने बाद डेफिनेटिव सर्जरी की गई। इसमें सर्वप्रथम बाएं पैर के इंफेक्टेड (संक्रमित) घाव को साफ कर ओस्टियोटॉमी एवं 14 होल वाला स्किन लॉकिंग प्लेट लगाया गया ऑटोलॉगस व आर्टिफिशियल बोन ग्राफ्टिंग तथा मेजर वुंड डिब्राइडमेंट किया गया। सर्जरी के बाद गुड्डू की फिजियोथेरेपी प्रारंभ की गई। फिजियो के बाद गुड्डू 0 से 90 डिग्री तक पैर मूवमेंट करने लगा।
अस्पताल से डिस्चार्ज होने के 14 दिन बाद गुड्डू को टांके कटवाने के लिए बुलाया गया, तब तक उसका घाव पूरी तरह से ठीक हो कर सूख चुका था। अब जब गुड्डू 3 महीने बाद डॉक्टर को ओपीडी में दिखाने आया तो वह अपने पैर पर चल रहा था जिसे कभी कटवाने की सोच चुका था। गुड्डू ने बताया कि स्थायी अपंगता की नौबत से बाहर निकाल कर नया जीवन मुझे nkh में मिला है। अब मेरा पैर 110 डिग्री तक मुड़ रहा है ।
अपने दोनों पैरों पर खड़ा गुड्डू और उनके परिजन अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ.एस चंदानी व उनके टीम को धन्यवाद दे रहे हैं ।