कोरबा – चैतुरगढ़ के जंगल में दिखा टाइगर अचानकमार टाइगर रिजर्व हर साल आता है टाइगर

कोरबा – कटघोरा बरमंडल के पाली वन परिक्षेत्र में आखिर ट्रैक कैमरे में टाइगर कैद हो ही गया ।चैतुरगढ़ पहाड़ियों में मवेशियों को शिकार करने वाले शिकारी जानवर को लेकर ग्रामीणों ने टाइगर होने की संभावना जताई थी। वह आखिरकार सच साबित हुई ।वन विभाग के ट्रैक कैमर में टाइगर की चहल कदमी कैद हो गई है ।कटघोरा वन मंडल के पाली मंडल के चैतुरगढ़ की पहाड़ी के आसपास कुछ समय से जंगली जानवर मवेशियों का शिकार कर रहा था। जिसके लिखित और मौखिक शिकायत ग्रामीणों ने वन विभाग से की थी ।

हाल ही में चैतुरगढ़ में संतोष नामक ग्रामीण की गाय का शिकार किया गया जहां जानवर के दक्षिण में मिले थे जिसे लेकर ग्रामीणों ने शेर के शिकार किए जाने की बात कही थी इसी हफ्ते खैराबहार के निकटबाहरझुझा जलप्रपात के पास ग्रामीणों ने पुनीराम पिता विशाल सिंह के मवेशियों को चरा रहा था। जहां टाइगर ने गाय पर हमला कर दिया ।गाय मालिक किसी तरह शोर मचाते हुए जान बचाकर भागा। इसकी सूचना ग्रामीणों और वन विभाग को दीया। शिकार की होती घटनाओं को देखते हुए वन विभाग में जंगल में कुछ जगहों पर ट्रैक कैमरे लगाए हैं इस में शेर और तेंदुए की मौजूदगी पता चली है। रेंजर के जोगी का कहना है कि   की पद चिन्ह की  रिपोर्ट अभी नहीं आई है ।पाली रेंज में काम कर चुके नटवर अग्रवाल का कहना है कि लाफा का जंगल बेलगहना रेंज से लगा हुआ है। अचानकमार से हर साल टाइगर यहां पहुंचते हैं ।वर्ष 2008 में भी शेर आने की पुष्टि हुई थी जो तस्वीर दिख रही है वह नर टाइगर का है।