कोरबा। चुइया पंचायत के भटगांव में संचालित आंगनबाड़ी क्रमांक–02 में वजन त्योहार मनाया गया। इस त्योहार को रोचक बनाने के लिए कार्यकर्ताओं ने विशेष तैयारी की थी। इको–फ्रैंडली तरीके से बच्चो और उनके पालकों को जागरूक करने का प्रयास किया गया। जंगल के पौधों, पेड़ो के पत्ते, फल और फूलों की रंगोली के जरिए पोषण और कुपोषण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई।
कोरबा जिले को कुपोषण मुक्त बनाने को लेकर महिला एवं बाल विकास ग्रामीण की परियोजना अधिकारी ममता तुली काफी गंभीर है। उनके द्वारा लगातार केंद्रों की मॉनिटरिंग कर कमियों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। वर्तमान में एकीकृत महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पोषण माह, वजन त्योहार मनाया जा रहा है। इसके तहत शहर और ग्रामीण क्षेत्र में संचालित तमाम आंगनबाड़ी केंद्रों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। बच्चो और उनके पालकों को सेहत से जुड़ी जनारियां दी जा रही है। दोंड्रो सेक्टर के भटगांव आंगनबाड़ी क्रमांक –2 में अलग अंदाज में पोषण माह और वजन त्योहार मनाया गया। परियोजना अधिकारी ममता तुली और सेक्टर सुपर वाइजर गायत्री निर्मलकर के मार्ग दर्शन में कार्यकर्ता अजीता लकड़ा ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर केंद्र को आकर्षक बनाया था। ताकि वहां पहुंचने वाले पालकों और बच्चो को बेहतर परिवेश मिले। इस दौरान विभिन्न गतिविधियों के जरिए ग्रामीणों को जागरूक करने का प्रयास किया गया। पोषण और कुपोषण को आसान तरीके से पालकों को समझाया गया। कोचाई पान, मुनगा भाजी, मखना भाजी, लाल भाजी, बरबट्टी, टमाटर, हरी मिर्ची और अन्य साग सब्जियों की रंगोली बनाकर उनमें मौजूद पोशाक तत्वों की जा जानकारी दी गई। इसके अलावा उन्हें बताया गया कि कुपोषण को दूर भागने के लिए दाल, चावल, मूंगफल्ली, सोयाबीन और रेडी टू ईट बेहद जरूरी आहार है। गर्भवती, धात्रीमाता, किशोरी बालिकाओं को विशेष तौर पर तिरंगा भोजन करने की सलाह दी गई। पोषण माह और वजन त्योहार को सफल बनाने के लिए विभाग के अधिकारियों के साथ ही परियोजना अधिकार ( ग्रामीण ) ममता तुली ने काफी मेहनत किया है। भटगांव में आयोजित कार्यक्रम में सेक्टर की सुपरवाइजर गायत्री निर्मलकर, चुइआ की कार्यकर्ता देवकुमारी कंवर, चंपा कंवर और परसाखोला की कार्यकर्ता भोगंती मौजूद रहे।